विद्यालय का भवन भी जर्जर हालात में है। बरसात के समय छत टपकने लगती है। भवन गिरने से कभी बड़ा हादसा हो सकता है। जगह-जगह से क्षतिग्रस्त भवन के कारण हर समय हादसे का डर सताता है।विद्यालय में 12 कक्षाएं संचालित हो रही है, लेकिन एक लेवल प्रथम व एक लेवल द्वितीय अंग्रेजी विषय अध्यापक कार्यरत है। वहीं एक लेवल प्रथम अध्यापक प्रतिनियुक्ति पर है। जबकि कक्षा 11 और 12 में कला संकाय में अर्थशास्त्र, इतिहास और हिन्ली साहित्य जैसे विषय सम्मिलित है। महज तीन अध्यापकों के सहारे विद्यालय का संचालन बेहद मुश्किल है। विभाग के उच्च अधिकारियों व जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कई बार निरीक्षण किया है लेकिन सुचारू संचालन को लेकर कोई प्रयास नहीं किए।
यह विद्यालय नवक्रमोन्नत है। यहां व्यवस्थार्थ शिक्षक लगाने के साथ ओर भी शिक्षक लगाने के प्रयास जारी है। समस्या का स्थायी समाधान डीपीसी होने पर ही होगा। डीपीसी के बाद यहां पर्याप्त शिक्षक लगाए जाएंगे ।
-राजूराम खदाव, एसीबीईओ, खींवसर
विद्यार्थी एवं ग्रामीण परेशान
विद्यालय भवन तो बना हुआ है, लेकिन जर्जर हालत होने से कभी बड़ा हादसा हो सकता है। हमने कई बार यहां पर्याप्त शिक्षक लगाने की मांग की मगर कोई फायदा नहीं मिला।
-रघुनाथ इन्दोरिया, ग्रामीण
नामांकन बढ़ाने के प्रयास व्यर्थ
सरकार नामांकन बढ़ाने के लिए बालिका नि:शुल्क साईकिल योजना, मिड डे मील सहित प्रवेशोत्सव कार्यक्रम चलाती है लेकिन यहां लगातार नामांकन घटता जा रहा है। सरकार एवं विभाग को इसकी कोई चिंता नहीं है। इस स्थिति में तो विद्यालय के ताला लटक जाएगा।
-छगनलाल गौड़, ग्रामीण