जिले में कड़ाके की सर्दी, लेकिन… नागौर जिले में पिछले एक सप्ताह से जोरदार सर्दी पड़ रही है। शनिवार को तापमान माइनस में चला गया, लेकिन मौसम विभाग ने नागौर के आंकड़े जारी नहीं किए। हालांकि भारत मौसम विज्ञान विभाग की वेबसाइट पर नागौर के तापमान व आद्र्रता से जुड़े आंकड़े प्रदर्शित हो रहे हैं, लेकिन जयपुर मौसम विभाग की ओर से जो आंकड़े जारी किए जा रहे हैं, उनमें नागौर सहित कई जिलों का नाम नहीं है। कुछ जिलों में तो ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन नहीं है। नागौर जिले में साढ़े सात महीने से वेदर स्टेशन स्थापित होने के बावजूद विभाग की ओर से आंकड़े जारी नहीं करना समझ से परे है। इसके चलते किसानों सहित अन्य लोगों को कड़ाके की सर्दी, कोहरे, सूखे, तेज हवा, नमी आदि की सूचनाएं नहीं मिल पा रही हैं। मौसम विभाग की अनदेखी के कारण किसानों को कोई सटीक जानकारी नहीं मिल पाती है। कृषि विभाग भी अनुमान से ही किसानों को तेज सर्दी से बचाव की जानकारी देता है। उनके पास भी तापमान मापने का कोई साधन नहीं है।
नागौर में दो साल से बिगड़ी हुई है व्यवस्था गौरतलब है कि पूर्व में एक मौसम यंत्र अठियासन कृषि विज्ञान केन्द्र में लगा हुआ था। उससे तापमान सहित कुछ जानकारी मिल पाती थी, लेकिन करीब 23 महीने पहले मौसम यंत्र की बैटरी सहित अन्य उपकरण चोरी हो गए। उससे बाद मौसम विभाग जयपुर ने नागौर के तापमान व बारिश के आंकड़े जारी करना बंद कर दिया। करीब पांच महीने बाद भी नई बैटरी व अन्य उपकरण नहीं लगाने पर राजस्थान पत्रिका ने ‘एक चोर का खमियाजा भुगत रहा नागौर, ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन पिछले पांच महीने से बंद’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया। आखिरकार कृषि महाविद्यालय का परिसर इसके लिए सबसे उपयुक्त लगा और कृषि कॉलेज में 24 अप्रेल 2024 को स्वचालित मौसम स्टेशन स्थापित कर चालू किया गया।
ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन का फायदा मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि इस स्टेशन की सहायता से प्रतिदिन के मौसम संबंधी डाटा जैसे अधिकतम व न्यूनतम तापमान, हवा की गति, दैनिक वर्षा की मात्रा, सूर्य प्रकाश की गणना की जाती है। इन सभी मानकों की सहायता से बदलते हुए मौसम के अनुकूल खेती में किए जाने वाले बदलाव, नवाचार एवं अनुसंधान कार्यों में भी विशेष सहायता मिलती है।
मौसम विभाग से बात करेंगे मौसम विभाग जयपुर की ओर से जारी होने वाली तापमान सहित अन्य आंकड़ों में नागौर को शामिल करने के लिए विभागीय अधिकारियों से बात करेंगे। ताकि नागौर के किसानों व आमजन को मौसम की सटीक जानकारी मिल सके।
– अरुण कुमार पुरोहित, जिला कलक्टर, नागौर