सभापति कृपाराम सोलंकी को नम आंखों से दी अंतिम विदाई
मुख्यमंत्री ने जताई संवेदना,सांसद ने निरस्त किए कार्यक्रम
सभापति सोलंकी को हार्ट अटैक आने पर अस्पताल में भर्ती कराए जाने की सूचना पर पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष अशोक कुमार मच्छी व अन्य लोग अस्पताल पहुंचे। मच्छी से बातचीत में सोलंकी ने पेट में जलन की बात कही। कांगे्रस नेता व सभापति सोलंकी के निधन की सूचना पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुत्र अखिलेख के नाम पत्र लिखकर संवेदना व्यक्त की। उधर, सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी सोलंकी के निधन की खबर पर पूर्व में निर्धारित सारे कार्यक्रम निरस्त करते हुए नागौर पहुंचकर परिवार को संवेदना व्यक्त की व सोलंकी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से सभापति सोलंकी के निधन की जानकारी मिलने पर बाजार व अन्य स्थानों पर लोगों ने दुकानें बंद कर संवेदना प्रकट की।
सांसद व विधायकों ने बताया जिंदादिल इंसान
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोलंकी के निधन पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि सोलंकी के निधन से आकस्मिक निधन से अपूरणीय क्षति हुई है। सोलंकी जिंदादिल इंसान थे और उनका अचानक जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान ने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि सोलंकी के निधन से कांग्रेस व पूरे जिले को क्षति हुई है। शहर व समाज ने एक जुझारू नेता खो दिया। सोंलकी ने नगर परिषद के अपने कार्यकाल में शहर में खूब विकास करवाया। वे गरीबों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। मकराना विधायक रुपाराम मुरावतिया ने कहा कि सोलंकी सच्चे जनसेवक व जनता के हितैषी थे। उनका निधन शहर व समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
मजबूत जनप्रतिनिधि खो दिया
पूर्व केबिनेट मंत्री हरेंद्र मिर्धा ने कहा कि आज उन्होंने व नागौर ने एक मिलनसार और मजबूत जन-प्रतिनिधि को खो दिया। कृपाराम सोलंकी का निधन उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है। परमात्मा दिवगंत आत्मा को अपने श्री चरणों में जगह प्रदान करे और दिवंगत आत्मा के परिवार को इस दु:ख की घड़ी को झेलने की शक्ति दें। केन्द्रीय स्पाइस बोर्ड सदस्य भोजराज सारस्वत ने सोलंकी के निधन को शहर, राजनीति व समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि वे मिलन सार व्यक्तित्व के धनी व धुन के पक्के थे। शहर के विकास को लेकर उन्होंने कई सराहनीय कार्य किए जो सदैव याद रहेेंगे।
ऐसा रहा राजनीतिक सफर
चेनार में साधारण परिवार में 15 जुलाई 1964 को गंगाराम सोलंकी के घर जन्मे सोलंकी ने शुरू में पीओपी व सीमेंट उद्यम में काम किया व बाद में होटल व्यवसाय में आए। परिवार का राजनीति से कोई नाता नहीं था लेकिन परिवार का कांग्रेस से जुड़ाव रहा। अरबन बैंक नागौर चुनाव के जरिए राजनीति में आए और दो बार चेयरमैन रहे। 2010 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में नगर परिषद चुनाव में सभापति का चुनाव लड़ा लेकिन जीत नहीं हुई। इसके बाद 2015 में हुए नगर परिषद चुनाव में फिर से चुनाव लड़ा और सभापति बने। गत वर्ष सोलंकी को पीसीसी सदस्य की जिम्मेदारी मिली। इनकी पत्नी जंवराई पंचायत समिति नागौर में उप प्रधान रहीं है।