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नागौर

एमएसडब्लू के विद्यार्थियों का कैम्पस रिक्रूटमेंट

समाज कार्य विभाग में कैम्पस रिक्रूटमेंट का आयोजन

नागौरJul 22, 2018 / 07:07 pm

Dharmendra gaur

Ladnu News

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लाडनूं. जैन विश्व भारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के समाज कार्य विभाग में कैम्पस रिक्रूटमेंट का आयोजन किया गया। इसके लिए जोधपुर के एनजीओ उन्नत शैक्षणिक विकास संगठन की टीम ने एमएसडब्लू के 12 विद्यार्थियों का परीक्षण किया। समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष डा. बिजेन्द्र प्रधान ने बताया कि संस्था द्वारा कुल सात विद्यार्थियों का चयन किया जाना है, इसके लिए एनजीओ द्वारा समूह चर्चा एवं साक्षात्कार का आयोजन किया जाकर उनका परीक्षण किया गया। एनजीओ के प्रभारी डा.अग्रवाल ने बताया कि दो दिन बाद इसका परिणाम घोषित किया जाएगा। उन्होंने चयन की पूरी संभावना जताई है।

चेतना के उच्च स्तर पर पहुंचाने का मार्ग है प्रेक्षाध्यान

लाडनूं. जैन विश्व भारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के योग एवं जीवन विज्ञान विभाग तथा इंटरनेशनल स्कूल फॉर जैन स्टडीज के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय योग एवं मेडिटेशन स्टडीज विषयक अन्तराष्ट्रीय कार्यशाला हुई। इसमें अमेरिका से आए विद्यार्थियों को मुनि जयकुमार ने आत्मा व शरीर के पृथक अस्तित्व, चेतना के उध्र्वारोहण, मोक्ष एवं प्रेक्षाध्यान के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि प्रेक्षाध्यान से व्यक्ति शरीर और आत्मा की सत्ता को अलग-अलग अनुभव कर पाने में सक्षम हो सकता है। प्रेक्षाध्यान से चेतना के उच्च स्तर तक पहुंचा जा सकता है। उन्होंने जैन मान्यता के अनुसार मोक्ष और मोक्ष प्राप्ति के उपाय के बारे में भी बताया। मुनि जयकुमार ने अमेरिकन विद्यार्थियों की शंकाओं का समाधान भी किया। समणी विनयप्रज्ञा ने इन विद्यार्थियों से प्रेक्षाध्यान की साधना विधि के बारे में बताया तथा कार्यशाला के सभी संभागियों को प्रेक्षाध्यान का अभ्यास करवाया। इससे पूर्व योग एवं जीवन विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. प्रद्युम्न सिंह शेखावत ने संभागियों को बताया कि प्रेक्षाध्यान साधना की सरलतम विधि है। जिसके परिणाम वैज्ञानिक कसौटी पर खरे उतरे हैं। उन्होंने आसन व ध्यान के प्रयेाग करवाए। अमेरिका से आए इन संभागियों को लाडनूं के प्राचीन दर्शनीय स्थल बड़ा जैन मंदिर में दर्शन करवाए। मंदिर में भूगर्भ से निकले मंदिर, सरस्वती की कलात्मक प्रतिमा आदि को देखकर अभिभूत हो गए। उन्होंने यहां जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय के हरीतिमा युक्त सुन्दर व स्वच्छ वातावरणए मयूरों के स्वच्छंद विचरण आदि को भी श्रेष्ठ बताया तथा कहा कि ध्यान व साधना के लिए यह स्थान सबसे बेहतरीन है। यहां उन्होंने आचार्य तुलसी स्मारक पर भक्तामर स्त्रोत का पाठ भी किया। कार्यशाला में भाग लेने वाले सम्भागियों में अमेरिका से आए प्रो. चैपल, डेरिया ग्रिगोरेवा, लिजाबेथ मारीक्रूज, लिडीया जेन लुसियाना, सुसान लुइस आदि शामिल थे।

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