भगवंत मान सरकार का बड़ा एक्शन
भगवंत मान सरकार की इस कार्रवाई से यह संदेश देने का प्रयास है कि कानून-व्यवस्था और सुरक्षा में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, खासकर ऐसे मामलों में जहां गैंगस्टरों से संबंधित मुद्दे हों।
जेल से करवाया था लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू
पंजाब में करीब डेढ़ साल पहले गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का एक इंटरव्यू टीवी चैनल पर प्रसारित हुआ था, जिसने व्यापक स्तर पर विवाद खड़ा किया और पंजाब सरकार व पुलिस की काफी आलोचना हुई थी। इस मामले में कार्रवाई करते हुए भगवंत मान सरकार ने मोहाली के डीएसपी स्पेशल ऑपरेशन सेल गुरशेर सिंह संधू सहित छह अन्य पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। यह पढ़ें-
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इन सभी पर ड्यूटी में लापरवाही और कोताही का आरोप है, क्योंकि उनके कार्यकाल के दौरान यह इंटरव्यू हुआ, जिससे पुलिस पर सवाल उठे और गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के मामले में सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हुईं। सस्पेंड किए गए अधिकारियों की सूची में शामिल हैं:
- समर वनीत, पीपीएस, डीएसपी
- सब-इंस्पेक्टर रीना, सीआईए, खरड़
- सब-इंस्पेक्टर (एलआर) जगतपाल जांगू, एजीटीएफ
- सब-इंस्पेक्टर (एलआर) शगनजीत सिंह
- एएसआई मुख्तियार सिंह
- हेड कांस्टेबल (एलआर) ओम प्रकाश
इन धाराओं दर्ज किया गया केस
पंजाब के गृह विभाग ने पंजाब मानवाधिकार आयोग के विशेष डीजीपी परबोध कुमार के नेतृत्व में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट के आधार पर सात पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया है। गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू के मामले में पुलिस ने 5 जनवरी 2024 को स्टेट क्राइम पुलिस स्टेशन, फेज 4, मोहाली में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं—384 (अवैध वसूली), 201 (सबूत मिटाना), 202 (जानकारी छिपाना), 506 (धमकी), 116 (अपराध के लिए उकसाना), और 120-बी (आपराधिक साजिश)—के तहत एफआईआर दर्ज की थी। साथ ही, जेल अधिनियम 1894 की धारा 46, जिसे बाद में जेल (पंजाब संशोधन अधिनियम 2011) की धारा 52(1) से बदल दिया गया, के अंतर्गत भी मामला दर्ज किया गया था।