मीडिया प्रभारी रामपाल धौलिया ने बताया कि पश्चिम राजस्थान की मुख्य फसल मूंग है और मूंग की फली में लट (कीड़ा) लगने के कारण दाने लगभग समाप्त हो चुके हैं और बची हुई फसलों को किसानों ने काटना शुरू कर दिया है। धौलिया ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल खराबे का आकलन फसल कटाई प्रयोग (क्रॉप कटिंग) के आधार पर किया जाता है। फसल कटाई प्रयोग राजस्व मंडल अजमेर की ओर से रेंडम सूची निकालकर जिले के सांख्यिकी विभाग के माध्यम से किया जाता है। राजस्व मंडल ने अब तक रेंडम सूची भी जारी नहीं की है, ऐसे में सूची जारी होने के बाद प्राथमिक कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग होगी और यह कार्य होने में लगभग सितम्बर माह चला जाएगा। तब तक अधिकतर किसान फसलों को काट लेंगे और खेतों में बिल्कुल भी फसल नहीं बचेगी।
यूनियन नेताओं एवं किसानों ने मांग की कि वर्तमान हालात को देखते हुए किसानों पर आए प्राकृतिक संकट को ध्यान में रखते हुए फसल कटाई प्रयोग एवं सूची तत्काल प्रभाव से जारी कर पटवारी और कृषि पर्यवेक्षकों को जल्द से जल्द ट्रेनिंग देकर फसल कटाई प्रयोग शुरू किया जाए, ताकि किसानों को फसल बीमा का वास्तविक लाभ मिले। साथ ही प्राथमिक कार्यकर्ताओं को पाबंद किया जाए कि क्रॉप- कटिंग वास्तविक हो अन्यथा शिकायत होने पर सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग रखी। ज्ञापन देने के दौरान जाट महासभा से रामकरण डूकिया, कांग्रेस के जिला सचिव प्रेमसुख जाजड़ा, इंटक जिला अध्यक्ष मेहराम धौलिया, पपूराम सारण आदि किसान मौजूद रहे।