तरनाऊ. नागौर जिले के प्रसिद्ध कसनाऊ-मातासुख लिग्नाइट माइंस क्षैत्र में बुधवार को आग लग गई। सुबह साढ़े नौ बजे आग लगनी शुरू हुई तो लोगों ने सोचा ई खेत में कचरा जला रहा होगा, लेकिन आग धीरे धीरेब ढ़ने लगी। साढ़े दस बजे के करीब माइंस के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। इस बीच आग विकराल रूप धारण कर चुकी थी। उन्होंने आरएसएमएमएल के अधिकारियों को सूचना दी। मांइस मैनेजर ने तुरंत कुरेरा अग्निशमन विभाग को सूचना दी।
साढ़े बारह बजे माइंस क्षेत्र में कुचेरा से दमकल पहुंची। क्षेत्र में बबूल की झाड़ियां होने के कारण दमकल अन्दर नहीं जा सकी। काफी मस्तक के बाद दमकल को डेम के अंदर ले जाया गया । करीब दो किलोमीटर में आग फैलने के कारण काबू पाने की कोशिश नाकाम रही।
इसके बाद नागौर व मूंडवा से बुलाई गई दमकल तथा टेंकरो से ग्रामीणों ने आग बुझाने का प्रयास किया। आग काफी लम्बे क्षेत्र में फैली होने से काबू नहीं हो सकी। सूचना मिलने पर दोपहर बाद बड़ीखाटू थाना पुलिस, जायल वन विभाग की टीम, स्थानीय प्रशासन के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। काफी मशक्कत के बाद भी देर रात तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका। आग की लपेटे पन्द्रह किलोमीटर दूर तक नजर आ रही थी। गांवों में दिनभर आग व धुआं नजर आता रहा।
हजारों बीघा में फैला है माइंस क्षेत्र मातासुख माइंस क्षेत्र साढ़े सात हजार बीघा में फैला हुआ है, लेकिन काम लेने के बाद करीब तीन हजार बीघा बंजर भूमि पर बबूल की झाड़ियां व खेजड़ियों के पेड़ हैं। आग लगने में करीब एक हजार बीघा जमीन पर लगे पेड़ व झांडि़या जलकर राख हो गए।
सैकड़ों वन्यजीव बने काल के ग्रास उधर, माइंस क्षेत्र की बंजर भूमि पर झाड़ियों में हजारों वन्य जीव विचरण करते नजर आते हैं। आग से इन झाड़ियों में रहने वाले सैकड़ों वन्यजीव काल के ग्रास बन गए। जान बचाने के लिए सैकड़ों वन्यजीव इधर उधर दौड़ते नजर आए।
दिनभर की मस्तक गई बेकार दिनभर मातासुख माइंस क्षैत्र में आग में पेड़ धूं धूं कर जलते रहे । काफी मस्तक के बाद भी काबू नहीं पाया जा सका। माइंस मैनेजर श्रवण कुमार बेरवाल सहित आरएसएमएमएल के अधिकारी दिनभर आग बुझाने के प्रयास में जुटे रहे।
बंजर में वाहन होते रहे पंचर- आग बुझाने पहुंची दमकल को डेम में ले जान के दौरान वहां फ़ैले बबूल के कांटों से वाहन पंचर होते रहे। कसनाऊ,मातासुख,ईग्यार सहित कई गांवों के सैंकड़ों ग्रामीण सहायता में जुटे थे।
खुद की दमकल कंडम आरएसएमएमएल की ओर से माइंस की खुदाई के साथ ही दमकल व दो एंबुलेंस वाहन कार्यालय के सामने खड़े किए गए थे। लेकिन आरएसएमएमएल के जिम्मेदारों की ओर से सुध नहीं लेने के कराण यह वाहन खड़े खड़े ही कंडम हो गए। नियमानुसार साढ़े सात हजार बीघा जमीन पर फैले माइंस क्षेत्र के लिए आरएसएमएमएल को अग्निशमन यंत्र तैयार रखना होता है पर बुधवार को ज़रूरत पड़ने पर विभाग की आंखें खुली रह गई। विभाग की खुद का दमकल वाहन कंडम होने से खड़ा ही रहा।
अज्ञात कारणों से लगी आग- आग लगने के कारणों का फिलाहल पता नहीं लग पाया है। आग लगते ही सूखे व हरे बबूल के पेड़ों ने पेट्रोल का काम किया और तेजी से आग बढ़ती गई। आग मातासुख गांव से शुरू होकर कसनाऊ व ईग्यार गांव की जमीन तक आग फ़ैल गई। चारों तरफ रेत का पाला होने से दमकल वाहन अंदर ले जाने में भारी परेशानी हुई। उधर , माइंस बंद होने के कारण जेसीबी मशीन चलाने के लिए चालक नहीं होने के चलते आग फैलती गई।
दिनभर लोग रहे दहशत में भंयकर आग लगने से आसपास के गांवों के लोगों में दहशत फ़ैल गई। आग की चिंगारी उड़कर खेतों में गिर रही थी। इससे किसानों की इक्कठी की गई फसलों के जलने का खतरा नजर आने लगा। किसान परिवार दिनभर खेतों में रहकर आग की चिंनगारियों को बुझाते रहे।