बाइलॉज की नहीं होती पालना
जानकारी के अनुसार शहर में दर्जनों बड़े भवनों का निर्माण नियमों को ताक पर रखकर किया गया है। अस्पतालों, कॉचिंग सेंटरों व व्यवसायिक कॉम्प्लेक्सों में ना तो पार्किंग है और ना ही सेट बैक छोड़ा गया है। बाइलॉज की जमकर धज्जियां उड़ाने के बावजूद ऐसे भवन मालिकों के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वर्ष 2016 में शहर में अवैध रूप से संचालित व्यावसायिक भवनों को लेकर शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं होने के चलते ऐसे मामले सतर्कता समिति की बैठक में आने को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन जिला कलक्टर राजन विशाल ने तत्कालीन आयुक्त को कार्रवाई के आदेश दिए थे, लेकिन शहर में नियम विरूद्ध बने दर्जनों कॉम्प्लेक्स के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई।
तंग गलियों में नहीं पहुंचती दमकल
शहर में गली-गली में कुकुरमुत्ते की तरह खुले कॉचिंग सेंटर यहां आने वाले छात्र-छात्राओं के साथ आसपास रहने वाले लोगों के लिए जानलेवा हो सकते हैं। शहर में कोचिंग सेंटर, होटलें ऐसे भवनों में संचालित हो रहे हैं, जहां पार्किंग व्यवस्था तो दूर शुद्ध हवा के पर्याप्त इंतजाम तक नहीं है। मोटी रकम लेकर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे ऐसे लोगों के खिलाफ शिक्षा विभाग, नगर परिषद व प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता। आलम यह है कि शहर की तंग गलियों में स्थित ऐसे भवनों में आग लगने पर बड़ी दमकल की पहुंच आसान नहीं होने के कारण यहां आग पर काबू पाना नामुमकिन सा लगता है।
करेंगे नियमानुसार कार्रवाई
नियम विरूद्ध बने भवनों का सर्वे करवाएंगे। जहां दमकल की पहुंच आसान नहीं है उनमें फायर सेफ्टी उपकरण लगाने के लिए पाबंद करेंगे। अवैध रूप से बने भवनों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
जोधाराम विश्नोई, आयुक्त नगर परिषद नागौर