आनंदपाल के भाई मंजीत को आज डीडवाना कोर्ट में पेश किया गया। 2001 में लाडनूं के खेराज हत्याकांड में आनंदपाल सहित उसका भाई मंजीत, मनीष हरिजन, सुरपत सुराणा, और सुरेंद्र आरोपी थे जिनमें से आनंदपाल, मनीष हरिजन और सुरपत सुराणा की मौत हो चुकी है। अन्य तीनों आरोपियों में से अनिल माली और सुरेंद्र जमानत पर चल रहे हैं। वहीं मंजीत को भी प्रोडक्शन वारंट पर डीडवाना लाया गया। आरोप के अनुसार खेराज जाट से आनंदपाल की पुरानी रंजिश थी, जिसके चलते 11 फरवरी 2001 को आरोपियों ने हत्या कर दी। डीडवाना एडीजे कोर्ट में चल रहे इस मामले में सुनवाई और बहस पूरी हो चुकी है। आज इसका फैसला आने वाला था, लेकिन कोर्ट ने फैसले की तारीख आगे बढ़ाते हुए 29 मई कर दी है। आगामी 29 मई को मामले में फैसला आने की संभावना है।
आनंदपाल का हुआ था एनकाउंटर
फरार कुख्यात Gangster Anand Pal Singh को साल 2017 में देर रात चुरू जिले के मालासर में
police encounter में मारा गया।
Anand Pal Singh Didwana के एनकाउंटर में भाग लेने वाले पुलिस के दो जवान भी घायल हुए थे। डीजीपी Manoj Bhatt ने आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद मौत की पुष्टि भी कर दी थी ।
एक जानकारी के अनुसार, Anand Pal Singh के भाई को सबसे पहले पुलिस ने अरेस्ट किया था और उसके बाद पुलिस ने आनंदपाल का ठिकाना ढूंढ पाने में बड़ी कामयाबी पायी थी । देर रात करीब 11:30 बजे Anand Pal और पुलिस के बीच चूरु के मालासर में हाईवे किनारे एक घर में मुठभेड़ हुई जिसके बाद आनंदपाल को ढेर कर दिया गया। इस मुठभेड़ में Anand Pal की ने अपनी तरफ से भी एके-47 बंदूक से करीब 100 राउंड फायर भी किए।
सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने AnandPal Singh को घेरने की रणनीति बनाई और रतनगढ़ के पास मालासर में पुलिस टीम ने Anand Pal सिंह को मार गिराया। इस दौरान आनंदपाल सिंह तथा उसके गुर्गों के बीच काफी देर तक गोलियां चली। इस एनकाउंटर के दौरान Gangster Anand Pal Singh को छह गोलियां लगी थी।
जानकार सूत्रों के मुताबिक पुलिस Anand Pal को जिंदा पकड़ना चाहती थी और मौके पर पहुंची पुलिस के अधिकारियों ने AnandPal से सरेंडर करने को कहा था लेकिन Anand Pal Singh सरेंडर को तैयार नहीं हुआ और Anand Pal ने अपनी एके-47 गन से दनादन फायर करनी शुरु कर दी जवाब में पुलिस ने भी अपनी ओर से फायरिंग शुरु की और Anand Palको दो घंटे में ही ढेर कर दिया गया।
इससे पहले भी Anand Pal Singh करीब 7 बार पुलिस से बचकर भाग निकलने में कामयाब हुआ था। आपको बता दें कि इस पूरे आॅपरेशन को अंजाम देने वाली टीम में करीब 40 पुलिसकर्मी और एसओजी के जवान शामिल थे। बताते चलें की आनंदपाल आगरा में भी कुछ दिन तक जान बचाने के लिए रुका था।