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नागौर

नागौर का एक गांव ऐसा भी जहां हर घर में खिलाड़ी….

– स्कूल से लेकर राष्ट्रीयस्तर की प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व

नागौरDec 08, 2023 / 11:09 pm

Ravindra Mishra

 खेलों का हब बना नागौर का फिरोजपुरा, यहां हर घर में खिलाड़ी

कुचेरा. खेल मैदान में तैयारी करते हॉकी खिलाड़ी।

नागौर जिला खिलाडि़यों की खान बना हुआ है। जिले के कुचेरा कस्बे सहित आस-पास के गांवों के खिलाड़ी खेलों में अपने कौशल का प्रदर्शनकर राष्ट्रीय स्तर पर जिले का मान बढ़ा रहे हैं। यहां के खिलाडि़यों ने हॉकी, निशानेबाजी, खोखो, क्रिकेट सहित विभिन्न खेलों में विश्वविद्यालय व अंतर विश्वविद्यालय, राज्य व राष्ट्रीय स्तरीय की प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व किया है।
1990 से 2000 के दशक में राज्य टीम में बोलबाला
गांव फिरोजपुरा, निम्बड़ी चांदावता ऐसे गांव है जहां छोटे बच्चों से लेकर युवाओं के हाथों में हॉकी की स्टिक होती है। ये खिलाड़ी अल सुबह हॉकी मैदान में अभ्यास करते और बुजुर्ग इनका मार्गदर्शन करते नजर आते हैं । फिरोजपुरा गांव में पिछले तीन दशक से हॉकी का खेल परवान पर है। 1990 से 2000 के दशक में नागौर की जिला स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता व राज्य स्तर पर खेलने वाली नागौर जिले की टीमों में फिरोजपुरा के खिलाड़ियों का बोलबाला रहता था। यही कारण है कि आज गांव के हर घर में राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी है।
सरकारी नौकरियों में प्रतिनिधित्व

हॉकी का गांव कहलाने वाले फिरोजपुरा का सरकारी नौकरियों में अच्छा प्रतिनिधित्व है। यहां के हॉकी खिलाड़ी शारीरिक शिक्षक, प्रबोधक, राजस्थान पुलिस, मंत्रालयिक कर्मचारी, भारतीय सेना, कृषि विभाग, वन विभाग, बैंक, रोडवेज, तकनीकी सहित विभिन्न विभागों में नौकरी कर रहे हैं। वर्तमान में फिरोजपुरा के साथ ही निम्बड़ी चांदावता, बच्छवारी, खजवाना, संखवास आदि गांवों के हॉकी खिलाड़ी भी राष्ट्रीय स्तरीय टीम में खेल रहे हैं।
तीन दशक पहले दो शिक्षकों ने की शुरुआत
फिरोजपुरा में करीब साढ़े तीन दशक पूर्व शिक्षक ओमप्रकाश डुकिया व रामनिवास मारुका ने सरकारी विद्यालय में हॉकी खेल की शुरुआत की। सुबह- शाम नियमित अभ्यास कराने की उनकी व ग्रामीणों की मेहनत रंग लाई। वर्तमान में गांव के हर घर में हॉकी खिलाड़ी है। गांवों के सरकारी व निजी स्कूलों में छात्र-छात्राओं को हॉकी खिलाड़ी के रूप में तराशा जा रहा है।
इन खेलों में बढ़ रहा प्रतिनिधित्व
हॉकी के साथ क्षेत्र में ट्रलिंग, निशानेबाजी, हेंडबॉल, शॉफ्टबाल, खो खो, कबड्डी, थ्रोबाल, क्रिकेट आदि खेलों में भी राज्य, राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ी प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
इनका कहना है

हॉकी महंगा खेल है। सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों व गरीब वर्ग के खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार या भामाशाहों को आगे आकर खिलाड़ियों को किट व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवानी चाहिए। अन्य खेलों में भी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व सराहनीय है।
हरिराम कड़वासरा, जिलाध्यक्ष, नागौर जिला हॉकी संघ।
खेलों को बढ़ावा देने के लिए खिलाड़ियों को भत्ता व अन्य सम्मानजनक सुविधाएं देनी चाहिए। साथ ही सरकारी नौकरियों में खिलाड़ियों का कोटा बढ़ाया जाए।
सविता बिश्नोई, राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी।

कुचेरा क्षेत्र के लोग खेलों के प्रति काफी जागरूक हैं। यही कारण है कि राजकीय व निजी विद्यालयों में हॉकी व अन्य खेलों की टीमें तैयार की जा रही है। सरकार को भी ध्यान देते हुए क्षेत्र में अच्छा हॉकी स्टेडियम बनाना चाहिए, ताकि राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार हो सके।
रेंवत सिंह जारोड़ा, नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट

फैक्ट फाइल

-राष्ट्रीय स्तर पर खेले खिलाड़ी- 12-राज्य स्तर पर प्रतिनिधित्व- 200

– हैंडबॉल के राष्ट्रीय खिलाड़ी-6-हैंडबॉल के राज्य स्तरी- 24

-ट्रलिंग में राष्ट्रीय स्तर पर सिल्वर मेडल- 8-ड्रॉप थ्रो बाल में राष्ट्रीय स्तर पर ब्रॉज मेडल-4
-स्कूल हॉकी में राज्य स्तर पर जिले की छात्रा टीम पिछले दो बार से गोल्ड मेडल जीत रही है।

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