पुलिस के अनुसार अलाय के पास सुरजाना-सथरेण गांव निवासी सुनील विश्नोई (41) बीकानेर के पांचू थाने में कांस्टेबल चालक के पद पर तैनात है। बस सुनील विश्नोई के परिवार की है। बुधवार सुबह इनकी बस में सवारियां बैठाने को लेकर लोडिंग वाहन चालक का विवाद हो गया। उसका आरोप था कि उसकी सवारियां बस में बैठा ली। विवाद बढ़ने पर सुनील विश्नोई बाइक से मैके पर पहुंचा तो तीन-चार बदमाशों ने उस पर हमला कर दिया। इनमें एक-दो लोडिंग वाहन चालक थे। सुनील से मारपीट करने के बाद वे मौके से फरार हो गए। इस बीच श्रीबालाजी थाना पुलिस को सूचना मिलने पर हैड कांस्टेबल रामलाल मय टीम मौके पर पहुंचे और सुनील को जेएलएन अस्पताल पहुंचाकर उपचार करवाया।
सुनील विश्नोई ने पुलिसकर्मियों को बताया कि उसके जानकार सुनील पुत्र माधोराम समेत तीन-चार जनों ने उस पर जानलेवा हमला किया। वो बाइक लेकर इन लोगों को समझाने गया था। ये लोग नागौर-सथेरण मार्ग पर प्राइवेट बसों को चलने नहीं देते, आए दिन इनमें विवाद होता रहता है। इस संबंध में कई बार स्थानीय पुलिस को भी बताया पर कोई हल नहीं निकला।
बस चालक की हुई थी हत्या, थाना प्रभारी निलम्बित नागौर. नोखा/बीकानेर समेत अन्य रूट पर प्राइवेट बस व लोडिंग वाहन चालकों में हमेशा से झगड़ा रहा है। तकरीबन दो साल पहले 26 नवम्बर को नोखा बस स्टैण्ड पर निजी बस व लोडिंग वाहन चालकों के बीच सवारियों को लेकर कहासुनी हुई। इसके अगले दिन पीपासर निवासी बस चालक भींयाराम (40) बस लेकर श्रीबालाजी थाना इलाके से गुजर रहा था, उसके साथ खलासी सहीराम भी था। इस दौरान लोडिंग वाहन चालकों ने सहीराम व भींयाराम को बुरी तरह पीटा। गंभीर घायल भींयाराम को बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया , जहां उसकी मौत हो गई। इस मामले में करीब एक दर्जन आरोपी नामजद हुए, कुछ को गिरफ्तार किया पर कुछ अब भी फरार हैं। इस मामले में लापरवाही बरतने पर तत्कालीन थाना प्रभारी अब्दुल रऊफ को निलम्बित किया गया था।
रसूखदारों का राज सूत्रों ने बतााया कि नागौर के तमाम रूट पर यही स्थिति है। अधिकांश निजी बस के अलावा जीप/लोडिंग वाहन तक माफिया/रसूखदारों के हैं। ये लोग नियम-कायदे से नहीं चलते, परिवहन विभाग हो या पुलिस इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। जहां रोडवेज बसें नहीं है, उन रूटों पर जनता को सुविधा मिले यह तो सही है पर ये तो अधिकांश उन रूटों पर भी चलते हैं जहां जनता के लिए रोडवेज बस व ट्रेन के काफी साधन हैं। अवैध सवारी परिवहन के जिले में गैंगवार पनपने लगी है। आए दिन बस अथवा अन्य वाहनों के चालकों के बीच सवारियां लेने पर झगड़े होते हैं।
इनका कहना सवारियों को लेकर विवाद में आपसी मारपीट का मामला है। आरोपी पक्ष भी पुलिसकर्मी के जानकार हैं। रिपोर्ट पर कार्रवाई की जा रही है।
-रामप्रताप विश्नोई, सीओ, नागौर ।