यहां अचानक 22 दिसम्बर को स्वास्थ्य खराब होने पर सीकर के हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया, यहां स्थिति विकट होने पर हायर सेंटर जयपुर रैफर किया गया। वहां उपचार के दौरान 25 दिसम्बर को उनकी मृत्यु हो गई। उनके देहावसान की सूचना के बाद अजमेर से सैन्य टीम उनके पैतृक गांव झेकरिया पहुंची।
यहां सैन्य सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गई। अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या लोगों के अलावा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी शामिल हुए। उनके बड़े बेटे शिवराज ने मुखाग्नि दी। इससे पूर्व सैन्य जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। वे वर्तमान में कटखटिया असम में पदस्थापित थे।
उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा पैतृक गांव से प्राप्त कर माध्यमिक शिक्षा लेड़ी व उच्च माध्यमिक शिक्षा जसवंतगढ़ से पूर्ण की। सुजला महाविद्यालय से स्नातक करने के बाद 1992 में उनका चयन सीआरपीएफ में हो गया था। सीआरपीएफ में हवलदार रामूराम को अवकाश के बाद 24 दिसम्बर को अपने कार्यक्षेत्र पहुंचना था। इसके लिए उसने तैयारी भी कर ली थी, लेकिन 22 दिसम्बर को अचानक स्वास्थ्य बिगड़ने से वह वापस नहीं लौट सका। छोटे भाई मोटाराम मेघवाल ने बताया कि रामूराम एक वर्ष बाद सेवानिवृत्त होने वाले थे।