वैसे तो अब तक नागौर स्थापना दिवस की प्रशासन की ओर से कोई सार्वजनिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन यदि नागौर के इतिहास से जुड़े कई दस्तावेजों को देखें तो अक्षय तृतिया को लोग इस शहर की स्थापना होना मानते हैं। बताया जाता है कि ईस्वी सन् 1000 में नागवंशीय क्षत्रिय तक्षकों के पतन से मुगल काल में अकबर के शासन तक मारवाड़ क्षेत्र में राजनीतिक दृष्टि से प्रमुख स्थान रहे नागौर के स्थापना दिवस की अब तक की मान्य तिथि अक्षय तृतीया ही रही है। उपलब्ध इतिहास में पृथ्वीराज के सामन्त कैमास के नागौर के अहिछत्रगढ़ के पुनर्निर्माण की तिथि अक्षय तृतीया बताई जाती है। आजादी के बाद शुरुआत में नागौर में सामाजिक संगठनों एवं संस्थाओं के नहीं होने के कारण कभी स्थापना दिवस मनाने की परम्परा नहीं रही। जबकि इतिहास की पुस्तकों, मारवाड़ की बहियों एवं ख्यातों में नागौर का स्थापना दिवस अक्षय तृतीया ही माना गया। सामाजिक स्तर पर अक्षय तृतीया के दिन नए कार्य शुरू करने, विवाह एवं अन्य मांगलिक कार्य करने एवं खेत जोतने के लिए कृषि कार्य का मुर्हूत करने की परम्परा आज भी जिले में निभाई जा रही है।
नागौर स्थापना दिवस मनाने को लेकर ‘शहर की सरकार’ यानी नगर परिषद महत्वपूर्ण कड़ी है। सभापति और नगर पार्षदों को आजमन के सुझावों को अमल करते हुए स्थापना दिवस को लेकर जल्द कोई फैसला करना होगा। ताकि हम भी हमारे गौरवपूर्ण इतिहास को उत्सव के रूप में मना सकें।
नागौर का स्थापना दिवस कब मनाया जाना चाहिए हैï? यदि इस बारे में आपके पास कोई ठोस प्रमाण या ऐतिहासिक दस्तावेज हो तो आप भी अपनी राय राजस्थान पत्रिका के फेसबुक पेज नागौर डॉट पत्रिका (nagaur.patrika), ई मेल patrika.ngr@gmail.com या पत्र के जरिए राजस्थान पत्रिका कार्यालय को भिजवा सकते हैं। आमजन के सुझावों पर मंथन कर जिला प्रशासन तक पहुंचाया जाएगा। ताकि जल्द ही नागौर स्थापना दिवस मनाने के संबंध में कोई निर्णय हो।
नागौर के स्थापना दिवस को लेकर राजस्थान पत्रिका द्वारा शुरू किया गया अभियान सराहनीय है। नगर परिषद की ओर से जहां भी सहयोग की जरूरत होगी, करेंगे।
– कृपाराम सोलंकी, सभापति, नगर परिषद, नागौर
स्थापना दिवस मनाया जाना चाहिए। यह एक अच्छा सुझाव है। जल्द ही इसके लिए समिति गठित कर देंगे, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को शामिल करेंगे। आमजन के सुझावों पर यह समिति स्थापना दिवस के रूप में एक सर्वमान्य दिन निर्धारित करेगी। उस दिन विभिन्न आयोजन भी किए जाएंगे।
– कुमारपाल गौतम, जिला कलक्टर, नागौर