देश की प्रमुख प्राइवेट कंपनियों की ओर से इस माह से रिचार्ज की दरें बढ़ाए जाने के बाद अब सामान्य कामकाजी उपभोक्ता फिर सरकारी भारतीय दूरसंचार विभाग की ओर रुझान करने लगा है। क्योंकि निजी कंपनियों के मुकाबले बीएसएनएल का टैरिफ 45% कम है। जिसका असर भी इन दिनों बीएसएनएल के सिम की बिक्री व पोर्ट में दिख रहा है।
राजस्थान के मेड़ता शहर और क्षेत्र में भी प्रतिदिन सैंकड़ों उपभोक्ता पोर्ट व नई सिम के माध्यम से बीएसएनएल से जुड़ रहे हैं। एक समय में दूरसंचार को लेकर पूरे देश में अपनी शाख बनाने वाली सरकार की कंपनी भारतीय दूरसंचार निगम यानी बीएसएनएल का क्रेज प्राइवेट कंपनियों के बाजार में एंट्री के बाद कई सालों से कम हो गया था। जो पिछले पखवाड़े से धीरे-धीरे वापस लौटने लगा है। वजह है निजी कंपनियों की ओर से बढ़ाई गई रिचार्ज की कीमतें।
सभी कंपनियों की ओर से रिचार्ज में 100 से 150 रुपए तक बढ़ोत्तरी किए जाने के बाद ऐसे उपभोक्ता जो इंटरनेट का उपयोग कुछ समय के लिए करते हैं, वे उपभोक्ता बीएसएनएल में पोर्ट करवा रहे हैं। हालांकि, हाई स्पीड व अनलिमिटेड डेटा चाहने वाले उपभोक्ता मजबूरी की वजह से इन कंपनियों को नहीं छोड़ पा रहे हैं। फिर भी बीएसएनएल में अन्य कंपनियों से पोर्ट करवाने और बिक्री में अच्छी बढ़ोतरी हुई है।