scriptवीडियो : मारवाड़ में हुई एक ऐसी संत, जिसने एक हांडी से जोधपुर की पूरी फौज को भोजन कराया, जानिए पूरी कहानी | A saint in Marwar fed a whole army of Jodhpur with a pot in Nagaur | Patrika News
नागौर

वीडियो : मारवाड़ में हुई एक ऐसी संत, जिसने एक हांडी से जोधपुर की पूरी फौज को भोजन कराया, जानिए पूरी कहानी

संत फुलां बाई की 342वीं पुण्यतिथि पर 91 फीट ऊंचे शिखर पर फहराई ध्वजा

नागौरJan 29, 2018 / 11:41 am

shyam choudhary

saint Fulan bai

A saint in Marwar fed a whole army of Jodhpur with a pot in Nagaur

नागौर. आज से करीब 384 वर्ष पहले नागौर की धरती पर एक ऐसी संत र्हुई, जिसने बाल्यकाल से राम का नाम जपना शुरू कर दिया और चमत्कार दिखाए। नागौर के निकट मांझवास गांव में फुलां बाई के नाम की संत ने गायों की सेवा करती थी और गाय के गोबर से जो ओपले बनाती थी, उनसे राम-राम की ध्वनि निकलती थी। किवंदती है कि उन्होंने जोधपुर के तत्कालीन महाराजा जसवंतसिंह की पूरी फौज को काबूल से वापस आते समय चंद मिनटों में दो सोगरा, बाजरा की थूली व राबड़ी बनाकर भोजन कराया तथा एक फीट गहरा गड्ढ़ा खोदकर फौज के घोड़ों को पानी पिलाया। फुलां बाई के इसी चमत्कार से प्रभावित होकर जोधपुर महाराजा जसवंतसिंह ने उन्हें अपनी धर्म बहन बनाया तथा जोधपुर में अपने महलों में रानियां को ज्ञान व उपदेश देने के लिए फुलां बाई को बुलाया। आज भी जोधपुर के पूर्व नरेश गजसिंह पुराना रिश्ता निभाने के लिए मांझवास आते-जाते हैं। फुलां बाई ने 42 वर्ष की उम्र में ही जीवित समाधि ले ली थी।
रविवार को मांझवास में संत भक्त फुलां बाई की 342वीं पुण्यतिथि मनाई गई। पुण्यतिथि के कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों के साथ साहित्यकारों एवं संतों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस मौके पर जायल विधायक डॉ. मंजू बाघमार ने कहा कि फुलां बाई ने भक्ति के माध्यम से अपना नाम इतिहास के पन्नो में दर्ज करवाया है। फुलां बाई एक समाज सेविका भी थी, जिन्होंने समाज सेवा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी बताई बातों को अगर थोड़ा-सा भी जीवन में उतार लें तो हमारा जीवन धन्य हो जाएगा।Ó बाघमार ने कहा कि जितने भी महापुरूष हुए, उन सबसे हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। धार्मिक कार्यक्रमों, संतसंगों, कथाओं में हमें बहुत अच्छी बातें सीखने को मिलती हैं। अच्छी बातों को अपनाने से हमारे साथ समाज का भी भला हो सकता है। हमारे जीवन में धर्म का महत्वपूर्ण स्थान है। धर्म ही अच्छे कर्म करवाता है।
इस दौरान राजस्थान पशु चिकित्सालय विश्व विद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. एके गहलोत, संत नानक दास, संत मोहनदास, साध्वी अमृता बाई ने भी अपने विचार रखे। जैन विश्व भारती लाडनूं के ट्रस्टी डॉ. भागचंद बरडिय़ा, शिवकरण डेलू, जावेद गौरी, सज्जनसिंह, रूधनाथ, भामाशाह हरिराम धारणिया, सुखराम काला सहित ग्रामीण तथा जिलेभर के लोग मौजूद रहे। मंच संचालन मोहम्म्द शरीफ छिंपा ने किया। अध्यक्ष हिम्मताराम भांभू ने भक्त फुलां बाई के बारे में अतिथियों एवं श्रद्धालुओं को विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर मंदिर को आकर्षक रोशनी से सजाया गया।

ज्ञान बेहद जरूरी – सूरजनाथ
पांचला सिद्धा के महंत संत सूरजनाथ ने कहा कि मीरां बाई तथा फुलां बाई को ज्ञान था। जिन्होंने त्याग व भक्ति का मार्ग हमारे सामने प्रस्तुत किया। फुलां बाई का मुख्य ज्ञान तथा उपदेश राम का नाम था। उन्होंने राम के नाम पर जोर दिया। उनका कहना था कि राम का नाम बहुत बड़ा मंत्र है। बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो राम नाम के मतलब को समझ पाते हैं। यदि राम नाम का निरंतर अभ्यास किया जाए तो हम उसके उच्चारण को समझ पाएंगे। राम नाम सम्पूर्ण दशा को बदल देता है। मीरां बाई का उदहारण देते हुए कहा कि उन्हें भी जहर दिया, जिसे पी लिया, वो भक्ति का मार्ग ही है, जो उन्होंने पी लिया।
काम ऐसा करो की दुनिया में नाम हो
जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ. आनंद प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि महापुरूषों का धरती पर आगमन बदलाव के लिए हुआ है। हमें महापुरूषों की जीवन में गहराई तक जाकर उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने पूरे जीवन में ऐसा काम कर जाओ की आपको पुरी दूनिया याद करे। उन्होंने फुलां बाई के चमत्कारों केबारें में भी बताया।
कलश यात्रा निकाली, हुआ ध्वाजारोहण
इस अवसर पर सुबह आठ बजे कलश यात्रा निकाली गई, जो गांव के विभिन्न मार्गों से होते हुए मंदिर प्रागंण में समाप्त हुई। इसके पश्चात जायल विधायक डॉ. मंजू बाघमार ने मंदिर के शिखर पर जमीन से 91 फीट ऊंची धर्म ध्वजा फहराकर पुष्प वर्षा के साथ उद्घाटन किया। रात को आठ बजे संतों के सान्निध्य में भजन संध्या में कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दी।

Hindi News / Nagaur / वीडियो : मारवाड़ में हुई एक ऐसी संत, जिसने एक हांडी से जोधपुर की पूरी फौज को भोजन कराया, जानिए पूरी कहानी

ट्रेंडिंग वीडियो