किसानों के लिए खुशखबर, इस जिले में कल होगी मानसून की जबरदस्त एंट्री
मूण्डवा शहर, रावों की ढाणियों, बामुंडा की ढाणियों, कामुंडा की ढाणियों, क्यार की ढाणियों, प्रभुजी की ढाणियों, पाचुंडा की ढाणियों के अलावा मिर्जास व जनाणा से भी किसान गौ-सेवा के इस पुनीत कार्य में सहयोग करने के लिए ट्रेक्ट्रर लेकर पहुंचे।राजस्थान में मानसून की जबरदस्त एंट्री, कल से 3 दिन तक होगी भारी बारिश, IMD का अलर्ट
खर्चा अपना-अपनाबीज की बुवाई से लेकर जलपान व भोजन व्यवस्था का भार गौशाला पर नहीं पड़े इसका ध्यान रखते हुए किसान अपने ट्रेक्ट्ररों में स्वयं के पैसों से डीजल भरवाकर पहुंचे। भोजन व जलपान की व्यवस्था का जिम्मा युवाओं ने उठाया। इससे गौशाला पर कोई अतिरिक्त आर्थिक भार नहीं पड़ा। यदि तैंया भी निकालते तो करीब तीन लाख रुपए का खर्चा आता।
वर्ष 1996 में पहली बार तीन साल से छोटे बछड़ों के राज्य से बाहर ले जाने पर रोक लगी थी । संयोग से उस समय नागौर का बाबा रामदेव पशु मेला सम्पन्न हुआ था। व्यापारियों के खरीदे हुए बछड़े यहीं छुड़वा दिए गए। पहली बार गोवंश की ऐसी दुर्दशा हुई तो कुछ जागरूक किसानों ने बीड़ा उठाकर यह गौशाला शुरू की। तब से लोगों का भावनात्मक रूप से जुड़ाव है।