मनीष मिर्धा ने जमकर निकाली भड़ास
दरअसल, कांग्रेस नेता मनीष मिर्धा ने एक्स हैंडल पर लिखते हुए कहा कि, “नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल जी, कल डबवाली (हरियाणा) में जिनके पक्ष में आप प्रचार करने गए थे, वह सिर्फ हमारे किसान भाइयों के ही नहीं बल्कि हमारी आस्था के प्रतीक सत्यवादी वीर तेजाजी महाराज के भी गुनहगार रहे हैं। और यह मैं नहीं कह रहा, यह 2 व 3 मार्च 2023 को दिया आपका अपना वक्तव्य है।” आगे मनीष मिर्धा ने “कहा कि माननीय सांसद जी, मैंने अपना विरोध किसी पार्टी के नेता के रूप में दर्ज नहीं कराया था बल्कि नागौर लोकसभा क्षेत्र के एक जागरुक मतदाता के रूप में दर्ज किया था। मैं आपका वोटर हूँ और आपको वोट दिया भी था और आपके लिए वोट मांगे भी थे।”
ऐसी क्या मजबूरी कि सांसद को जाना पड़ा?
उन्होंने कहा कि एक समय था जब आपने इस नकली ईंट प्रकरण में इसी पार्टी के मुखिया का विरोध दर्ज किया था जो कि बिल्कुल जायज था, लेकिन अब ऐसी क्या मजबूरी हुई कि जिस पार्टी का हरियाणा में सर्वाधिक विरोध हो रहा है, उसके प्रचार के लिए हमारे सांसद को वहां जाना पड़ रहा है, जिसके साथ हरियाणा की जनता ही नहीं खड़ी उसके साथ हमारे सांसद का क्या मतलब?
मनीष मिर्धा ने कहा कि लोकतंत्र और लोकराज में यदि मतदाता द्वारा चुना हुआ जनप्रतिनिधि जाने-अनजाने में यदि कुछ गलत कृत्य करता है तो एक जागरूक मतदाता को इसका विरोध प्रकट कर एक मिसाल पेश करनी चाहिए जिससे कि चुने हुए जनप्रतिनिधि कुछ भी करने की प्रवृत्ति से पहले सही-गलत के बारे में सोचें। खैर, इस जेजीपी वाले परिवार को तो 8 तारीख को तेजाजी महाराज का पर्चा मिल ही जाएगा, पर आपको इस सभा में जाने से बचना चाहिए था। सत्यवादी वीर तेजाजी महाराज की जय!
दिग्विजय चौटाला के लिए बेनीवाल ने मांगे वोट
गौरतलब है कि नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने गुरूवार को हरियाणा की डबवाली विधानसभा क्षेत्र से जननायक जनता पार्टी व आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के संयुक्त उम्मीदवार दिग्विजय सिंह चौटाला के समर्थन में वोट मांगे थे। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर उनका जमकर विरोध किया जा रहा है।
हनुमान बेनीवाल की विचारधारा क्या है?
हरियाणा के ही एक पत्रकार मंदीप पूनिया ने सोशल मीडिया पर सवाल किया कि, “हनुमान बैनीवाल की रेंज ग़ज़ब है…वे इंडिया अलायन्स में होते हुए भी दिग्विजय चौटाला के लिये रैली करने चले गये। हालाँकि लोग उनको सुनने के लिए नहीं पहुँचे। मुश्किल से 700-800 लोग थे। फिर अभय चौटाला के लिये भी रैली करने चले गये। वहाँ भीड़ तो ठीक थी। हनुमान बेनीवाल की राजनैतिक विचारधारा किसी भाई को समझ आये तो ज़रूर बताइएगा।”