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दरअसल, मामला थाना भोपा क्षेत्र के गांव भोपा स्थित जनता इण्टर कॉलेज के आवास में रह रहे 21 वर्षीय नीशू कुमार का परिवार लगभग 50 वर्ष पूर्व नेपाल से भोपा आकर बस गया था। पिताजी मंगल बहादुर जनता इण्टर कॉलेज में चपरासी थे। पांच वर्ष की अल्प आयु में फुटबॉल खेलने के जुनून ने नीशू को पिछले वर्ष मंजिल तक पहुंचाया। 2009 में चण्डीगढ फुटबॉल एकेडमी से फुटबॉलर के रूप में कैरियर की शुरूआत करने वाले नीशू कुमार ने 2010 में चण्डीगढ एकेडमी की ओर से पहला विदेशी दौरा किया। इस दौरान नीशू ने एकेडमी टीम के कप्तान के रूप में प्रतिनिधित्व किया। नीशू भारत की अण्डर 15 और अण्डर 16 फुटबॉल टीम का सदस्य रहकर विश्व के अनेक देशों में फुटबॉल खेल चुके हैं।
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इन देशों में दिखा चुके हैं अपना प्रदर्शन
भारतीय फुटबॉल टीम में चयन से पहले नीशू इण्डोनेशिया, मलेशिया, थाईलैण्ड, जापान, यूरोप, खाड़ी देश और रूस जैसे देशों में भी फुटबॉल खेल चुके है। पिछले वर्ष 2017 में नीशू का चयन राष्ट्रीय टीम में हुआ है। किन्तु क्रिकेट के प्रभाव के चलते क्षेत्रवासी भी नहीं जानते थे कि उनके गांव का बेटा राष्ट्रीय फुटबॉल टीम का हिस्सा है।
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राष्ट्रीय टीम का हिस्सा होने के बाद भी गरीबी में रहने को हैं मजबूर
नीशू भले ही राष्ट्रीय टीम का हिस्सा हों किन्तु निर्धनता उनका पीछा नहीं छोड रही है। एक साधारण चपरासी के परिवार में टीन शेड व काफी पुराने मकान में रहकर जीवन व्यतीत कर रहा है। नीशू के पिता का हाल ही में स्वर्गवास हुआ है। माता सीता देवी व शादीशुदा बहन मनीषा परिवार में हैं। बारिश के कारण नीशू के मकान की टपक रही है।
डिफेन्डर के रूप में टीम का हिस्सा है नीशू
नीशू भारतीय टीम में डिफेन्डर के रूप में खेलते हैं और राईट बैक व लैफ्ट बैक दोनों ओर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हैं। फुटबॉल खिलाड़ी नीशू ने बताया कि राष्ट्रीय टीम के कोच स्टीफन कोन्स्टेनटाईन से वह काफी कुछ सीख रहे हैं। इसके अलावा अपने बेंगलुरु क्लब के कोच कॉर्ल्स जो स्पेन के हैं, उनसे भी काफी कुछ सीखने को मिल रहा है।
फुटबाल में भारत की रैंकिंग सुधारने की बढ़ी उम्मीद
नीशू को पूरा विश्वास है कि फुटबॉल में भारत की रैंकिंग में भविष्य में जल्द ही सुधार होगा। गौरतलब है कि इस वक्त जहां आज भारत की रैंकिंग 97 है और भारत विश्वकप फुटबॉल में केवल दर्शक की भांति है। ऐसे में नीशू ने आशा व्यक्त की है कि आने वाले समय में भारत की रैंकिंग में सुधार होगा और भारतीय टीम भी विश्व का हिस्सा होगी।
नीशू भोपा में भी लेते रहे है फुटबॉल का प्रशिक्षण
नीशू के गुरू कुलदीप उर्फ बंशी ने बताया कि गांव के दर्जनों बच्चों को फुटबॉल का प्रशिक्षण दे रहे हैं। बंशी को आशा है कि नीशू की भांति क्षेत्र के अन्य बच्चे भी फुटबॉल के क्षेत्र में देश का नाम रोशन करेंगे तथा फुटबॉल में देश के दिन बदलेंगे।