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योगी की जनसभा से पहले लगा झटका
गुरुवार को कैराना में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनसभा से ठीक पहले भाजपा को एक और झटका लगा। अभी तक तबस्सुम हसन के विरोध में चुनाव मैदान में खड़े लोकदल प्रत्याशी और उनके देवर कंवर हसन ने राष्ट्रीय लोकदल को समर्थन देने की घोषणा कर दी। मुख्यमंत्री की जनसभा से पहले ही इस प्रोग्राम की फोटो वायरल सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। सोशल मीडिया पर जब फोटो आई तो कैराना उपचुनाव की राजनीति में एक हलचल मच गई।
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‘आप’ ने भी दिया समर्थन
शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) ने भी गठबंधन प्रत्याशियों को समर्थन का ऐलान कर दिया था। पार्टी के एक जिम्मेदार नेता ने ट्वीट करके लिखा था कि 2019 में भाजपा को हराने के लिए सभी को एकजुट होना चाहिए। अब तबस्सुम हसन के विरोध में चुनाव मैदान में उतरे उनके देवर कंवर हसन ने भी रालोद प्रत्याशी को अपना समर्थन दे दिया है।
भाजपा के लिए चुनौती
कैराना उपचुनाव में जिस तरह से छोटे- बड़े सभी दल एक होते जा रहे हैं। ऐसे में यह भाजपा के लिए बड़ी मुश्किल साबित होने वाला है। उधर, भाजपा ने भी कैराना उपचुनाव में पूरी ताकत झोंक रखी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद तीन दिन में दो चुनावी सभाएं कर रहे हैं। सहारनपुर के अंबेहटा में जनसभा करने के बाद अब कैराना में मुख्यमंत्री की जनसभा है। भाजपा के दर्जनभर से अधिक वरिष्ठ नेता और मंत्री कैराना और सहारनपुर में डेरा डाले हुए हैं।
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मुस्लिम वोटों का अब नहीं होगा बंटवारा
कंवर हसन ने लोकदल पार्टी से दावेदारी की थी। उनकी दावेदारी के बाद से गठबंधन प्रत्याशी पर हार का संकट मंडरा रहा था। इसका एक मुख्य कारण यह था कैराना लोकसभा सीट पर मुस्लिम वोट बैंक का दोहरीकरण हो रहा था। गुरुवार को रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी की मौजूदगी में कंवर हसन ने अपनी भाभी तबस्सुम हसन को समर्थन दे दिया। अब भाजपा प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं क्योंकि जिन वोटों का बंटवारा भाभी और देवर को लेकर हो रहा था, अब वह एक ही प्लेटफार्म पर आता नजर आ रहा है। शामली के गांव जसाला में जयंत चौधरी ने भाभी और देवर के बीच चल रही तनातनी को शांत करा दिया। जयंत द्वारा बुलाई गई इस मीटिंग में नाहिद हसन के चाचा अनवर हसन और कंवर हसन सहित सैकड़ों की संख्या में कार्येकर्ता मौजूद रहे।
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यह कहा कंवर हसन ने
इस बारे में कंवर हसन का कहना है कि जब पूरा देश भाजपा के खिलाफ एकजुट हो रहा है तो वह क्यों अलग जाएं, इसीलिए उन्होंने भी तबस्सुम हसन को समर्थन दे दिया है। उनके परिवार में इतने बड़े मतभेद नहीं थे कि उन्हें खत्म ना किया जा सके। अब वह राष्ट्रीय लोकदल के साथ हैं। लोकदल के बारे में उन्होंने भी बोलने से इनकार कर दिया। सिर्फ इतना बोले कि लोकदल क्या करेगी, यह लोकदल वाले जानें। अब वह गठबंधन की प्रत्याशी तबस्सुम हसन के लिए ही चुनाव प्रचार करेंगे।