निवेशकों की कमाई पर होगा असर
जानकारों की मानें तो आरबीआई के फैसले से बैंक डिपॉजिट की दरों में कटौती देखने को मिल सकती है। इकोनॉमी में एक्स्ट्रा लिक्विडिटी से ब्याज दरों पर दबाव देखने को मिल सकता है। ऐसे में फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर में 0.25 से 0.50 फीसदी कटौती देखने को मिल सकती है।
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इससे पहले भी कम हो चुकी है ब्याज दरें
मार्च के आखिरी सप्ताह में जब आरबीआई की ओर से रेपो दरों में 0.75 फीसदी की कटौती की थी तब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समेत कई बड़े बैंकों की ओर से एफडी पर ब्याज दरों में कटौती की थी। जानकारी के अनुसार इसी महीने की 12 तारीख को एसबीआई की ओर से 3 साल की एफडी की ब्याज दरों में 0.20 फीसदी की कटौती की थी। बैंक की ओर से 3 साल से 10 साल की समयसीमा की एफडी की ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया था।
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दूसरे विकल्पों के बारे में सोचें निवेशक
एफडी जैसी निवेश योजनाओं पर लगातार ब्याज दरों में कटौती निवेशकों के लिहाज से ठीक नहीं है। इससे निवेशकों की कमाई पर गहरा असर देखने को मिलता है। निवेशकों को ऐसे विकल्पों के बारे में भी सोचना चाहिए जहां ज्यादा मुनाफा हो। वैसे एफडी जैसी निवेश योजनाएं काफी सुरक्षित मानी जाती हैं, ऐसे में इस बारे में भी सोच लेना चाहिए कि वो जोखिम लेने की सक्षम है भी या नहीं।