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नियमित रूप से निवेश की आदत बनाना
आदित्य बिरला सन लाइफ एएमसी के मैनेजिंग डायरेक्टर ए बालासुब्रमण्यिन ने कहा कि एबीएसएलएमएफ में हम इस बात के लिए प्रतिबद्ध हैं कि सभी घरों में अपनी मेहनत की कमाई को नियमित रूप से एक ऐसे उत्पाद में निवेश करने की आदत डालें, जो उन्हें इस अनुशासित बर्ताव के लिए लंबे समय तक फायदा देता है। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, हमने पूरे भारत में ’हर घर एसआईपी’ कार्यक्रम शुरू किया है। आने वाले महीनों में, हमारी मजबूत फील्ड डिस्ट्रीब्यूशन टीम ग्राहकों तक पहुंचेगी और उन्हें धन सृजन के लिए लंबी अवधि में एसआईपी में निवेश करने के फायदों के बारे में शिक्षित करेगी। हमारा प्रयास है कि हर व्यक्ति के दीर्घकालीन धन सृजन के सपने को हकीकत में बदला जाए।
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10,000 के बन जाते 1.8 करोड़ रुपए
सीएएमएस की एक हालिया रिपोर्ट बताती है कि इक्विटी स्कीम्स में एसआईपी मिलेनियल्स के दो तिहाई लोगों के लिए निवेश यात्रा शुरू करने का पसंदीदा विकल्प रहा है। दिलचस्प बात यह है कि मिलेनियल्स के एक तिहाई लोग एकमुश्त निवेश करने के बारे में आश्वस्त हैं। एक उदाहरण से समझते हैं कि एसआईपी कैसे इतना लोकप्रिय हो चुका है। अगर आप वर्ष 2000 की शुरुआत से प्रति महीने 10,000 रुपए बचाये थे, तो 31 मार्च 2023 तक आपकी कुल संचित बचत 27.8 लाख रुपए होगी। इसके बजाय, यदि आपने प्रति महीने निफ्टी 50 टीआरआई में 10,000 रुपए का एसआईपी शुरू किया होता तो समान अवधि में यह रकम 1.8 करोड़ रुपए होती।
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12.6 फीसदी की वृद्धि दर से रिटर्न
बाजार में आई कई गिरावट, आर्थिक मंदी और यहां तक कि एक महामारी के बावजूद, निफ्टी 50 टीआर इंडेक्स ने उपर्युक्त समय के दौरान 12.6 फीसदी की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से रिटर्न दिया है। पिछले 22 सालों के दौरान निफ्टी 50 टीआरआई के एक ऐतिहासिक अध्ययन से पता चलता है। एसआईपी ने 5 साल से अधिक समय तक निवेश करने पर सकारात्मक रिटर्न दिया है और एसआईपी ने 10 और 12 साल की लंबी अवधि के लिए निवेश करने पर 10 प्रतिशत से अधिक रिटर्न दिया है।
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भारत का म्यूचुअल फंड उद्योग
मार्च 2023 के दौरान 14,000 करोड़ रुपए से अधिक के रिकॉर्ड उच्च एसआईपी योगदान के साथ, भारत के म्यूचुअल फंड उद्योग ने शानदार तरीके से वित्त वर्ष 23 का समापन किया। व्यवस्थित निवेश योजना या एसआईपी में वित्त वर्ष 2017 में कुल 44,921 करोड़ रुपए की पूंजी आई, जो 2023 में बढ़कर 1,55,972 करोड़ रुपए हो चुकी है और इसमें पिछले 7 वर्षों में 250 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। एएमएफआई के आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रेल 2023 तक भारत के म्यूचुअल फंड में 6.42 करोड़ एसआईपी अकाउंट हैं।