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Maha BMC: 2011 से पूरा नहीं हो सका वर्चुअल क्लासरूम का सपना…

काम ( Work ) के लिए महानगरपालिका ( Municipal Corporation ) में बार-बार बढ़ाई जा रही टेंडर ( Tender ) की समय-सीमा, 2011 से पूरा नहीं हो सका वर्चुअल क्लासरूम ( Virtual classroom ) का सपना

मुंबईMar 21, 2020 / 04:21 pm

Rohit Tiwari

Maha BMC: 2011 से पूरा नहीं हो सका वर्चुअल क्लासरूम का सपना...

Maha BMC: 2011 से पूरा नहीं हो सका वर्चुअल क्लासरूम का सपना…

रोहित के. तिवारी
मुंबई. मुंबई महानगरपालिका स्कूलों में वर्चुअल क्लासरूम के लिए 2011 से मुद्दा शुरू होने के बाद आठ बार टेंडर की समय सीमा बढ़ाई गई, इसके बावजूद नए ठेकेदारों के चयन के लिए फिर से स्थायी समिति की ओर से प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। प्रशासन के पास फिर से विस्तार के लिए आए प्रस्ताव पर नाराजगी व्यक्त करते हुए नगर सेवकों ने प्रशासन को स्थायी रूप से ‘वैलुएबल एजुटेंमेंट प्राइवेट मिलिटेड कंपनी’ का भुगतान करने की नसीहत दी। वहीं विरोधी पक्ष नेताओं ने कहा कि प्रशासन के पास क्या केवल यही वैलुएबल कंपनी है?

href="https://www.patrika.com/mumbai-news/only-one-teacher-in-mumbai-s-schools-this-is-major-reason-being-told-5391718/" target="_blank" rel="noopener">मुंबई के स्कूलों में सिर्फ एक ही शिक्षक, बताई जा रही यह बड़ी वजह ?

सात बार बढ़ाया गया अनुबंध…
वर्चुअल क्लासरूम परियोजना को मुंबई महापालिका के 24 माध्यमिक स्कूलों में 2010-11 पायलट आधार पर लागू किया गया था। इसके बाद पहले चरण 2011-12 में 24 माध्यमिक स्कूलों के अलावा पालिका के अन्य 56 माध्यमिक स्कूलों में। यानी इस तरह से कुल 80 स्कूलों में दो स्टूडियो के माध्यम से वर्चुअल क्लासरूम परियोजना लागू की गई। इसके लिए 2011-2016 तक पांच वर्षों में वैलुएबल एजुटेंमेंट प्राइवेट मिलिटेड कंपनी को काम पर रखा गया था। इसके लिए कुल 15.06 करोड़ रुपये का मूल अनुबंध दिया गया, लेकिन उसके बाद इस अनुबंध को सात बार विस्तारित किया गया। इसके चलते अनुबंध की 15.06 करोड़ की लागत अब बढ़कर 27.96 करोड़ रुपये तक जा पहुंची है।

770 स्कूलों में अगले सत्र से वर्चुअल क्लास रूम

विपक्षी नेता ने कसा तंज…
विपक्षी नेता रवि राजा ने तंज कसते हुए कहा कि अस्वीकार हुए प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए प्रशासन को फिर भेजा गया है। 2011 में दिए गए अनुबंध को 2020 में भी बढ़ाया जाता है, जबकि इसकी बढ़ाई गई समय सीमा 30 मार्च को खत्म हो रही है। इसलिए नए टेंडर निकाले जाने को मांग की गई थी, जिसे खारिज कर दिया गया। वहीं प्रस्ताव को हर छह महीने में विस्तारित करने की मांग पर राजा ने कहा कि अगर ठेकेदार इतना वैलुएबल है, तो वे स्थायी रूप से दिवा जाना चाहिए। वहीं समिति में अध्यक्ष की ओर से इस प्रस्ताव पर प्रशासन को लिखित में जवाब देने का निर्देश दिया गया।

एमपी में 148 सरकारी स्कूल में वर्चुअल क्लॉस-रूम

 

जरूर होगा उचित निर्णय…
करीब 9 साल बीत जाने के बाद भी महापालिका के स्कूलों में वर्चुअल क्लासेज का सपना आज भी अधूरा ही पड़ा हुआ है, जबकि किसी एक कंपनी के लिए बार-बार समय-सीमा बढ़ाया जाना भी कहीं से ठीक नहीं लगता। हालांकि इस बार की बैठक से लग रहा है कि इस मसले पर कोई उचित निर्णय जरूरी लिया जाएगा।
– रवि राजा, विपक्ष नेता, बीएमसी

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