उमेश कोल्हे हत्या मामले में पुलिस पर लग रहे आरोप पर अमरावती पुलिस कमिश्नर आरती सिंह ने कहा “परिजनों में से किसी को भी कोई धमकी नहीं मिली थी ना ही मृतक को कोई धमकी मिली थी। जब तक हमारे पास पुख्ता साक्ष्य नहीं थे तब तक हमने किसी भी तरह का कोई बयान जारी नहीं किया। ये आरोप सिर्फ एक ही तरफ से आ रहे हैं।“
उन्होंने बताया कि अमरावती से बीजेपी सांसद ने उन्हें फोन कर सिर्फ उनसे मिलने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि इसके विपरित बीजेपी नेता ने किसी भी तरह के आरोप नहीं लगाए थे। सिंह ने कहा “जो पत्र प्रकाश में आया है उसमें कहा गया है कि हमने चोरी और डकैती के लिए प्राथमिकी दर्ज की है। जबकि तथ्य यह है कि हमने प्राथमिकी में ऐसी कोई धारा नहीं लगाई है। उस पत्र में यह भी कहा गया है कि हमने चार लोगों को गिरफ्तार किया और मामले को दबा दिया। अगर हम ऐसा करना चाहते तो हम मामले को क्यों सुलझाते?”
उन्होंने पुलिस की जांच का बचाव करते हुए कहा “यह हमारे लिए एक ब्लाइंड और संवेदनशील मामला था। ऐसे मामलों में हम कुछ भी नहीं कह सकते हैं।
शुरुआती जांच में पुलिस को लगा कि केमिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या के पीछे का मकसद डकैती है, लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी तो मामला इससे अलग लगने लगा। दरअसल हमले के समय उमेश के पास एक बैग में हजारों रुपये थे, लेकिन हत्यारों ने उनके बैग को छुआ तक नहीं था। और हमला करने के बाद मौके से तुरंत भाग गए थे। जबकि हत्या के तरीके से स्पष्ट था कि वे बस उमेश की जान लेना चाहते थे। इस हत्या के रहस्य को जानने के लिए पुलिस ने कई टीमें गठित की है। जबकि इस मामले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी कर रही है।