आयोग के अध्यक्ष कुलकर्णी ने बताया कि ग्राहकों की शिकायत सुनी गई है। साथ ही अडानी इलेक्ट्रिसिटी से भी जवाब मांगा गया था। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद आयोग ने इस मामले में जांच के लिए एक समिति गठित की गई है। समिति में आइएएस अधिकारी अजित जैन तथा वरिष्ठ अधिकारी विजय सोनावणे शामिल हैं। समिति अगले तीन महीने तक अडानी की ओर से ग्राहकों को जारी बिल पर नजर रखेगी। टाटा पावर और बेस्ट के बिलों के साथ अडानी के पुरानों बिलों की भी तुलना की जाएगी। इसके बाद समिति रिपोर्ट पेश करेगी।
कुलकर्णी ने कहा कि अडानी कंपनी को निर्देश दिया गया है की जिन ग्राहकों की शिकायत है, कंपनी उनके बिल को पुन: जांचे और गड़बड़ बिल के पैसे ग्राहकों को ब्याज सहित वापस किए जाएं। कंपनी ने ग्राहकों को जिम्मेदार बताया अधिक बिजली बिल के लिए अडानी ने ग्राहकों को ही जिम्मेदार बताया है। कंपनी के अनुसार ग्राहकों ने गर्मी में एसी और पंखे अधिक चलाएं हैं। इसके चलते मीटर बढ़ा है। कंपनी ने ग्राहकों से नियम अनुसार ही बिल वसूला है। कंपनी ने इस मामले में अपने हाथ सीधे ऊपर कर लिया है। अडानी के कुल 27 लाख ग्राहक महानगर में अडानी इलेक्ट्रिसिटी के 27 लाख ग्राहक हैं। इस मामले में कंपनी के खिलाफ कांग्रेस और शिवसेना ने मोर्चा निकाला था। भाजपा ने भी राज्य के बिजली विभाग को शिकायत पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है। इसके बाद आयोग ने अडानी से 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा था।