पिछले छह महीने से राज्य भर में चर्चित लाडकी बहिन योजना (Mukhyamantri Majhi Ladki Bahin Yojana) एक बार फिर चर्चा में आ गई है। एक ओर जहां लाभार्थी महिलाओं के आवेदन की जांच की जाएगी। उधर, आवेदनों की जांच कैसे, कौन और कब होगी आदि सवालों को लेकर लाभार्थी महिलाएं असमंजस में हैं। जिला महिला एवं बाल विकास विभाग का कहना है कि आवेदन जांच के संबंध में अभी तक कोई निर्देश नहीं आया है।
महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने इस सप्ताह घोषणा की थी कि सरकार फर्जी लाभार्थियों से संबंधित शिकायतों का समाधान करेगी तथा सत्यापन के लिए आयकर और परिवहन विभाग से जानकारी मांगी गई है। उन्होंने कहा था कि सरकार जांच का आदेश नहीं दे रही है, बल्कि केवल स्थानीय सरकारी कार्यालयों में दर्ज शिकायतों का समाधान कर रही है।
अदिती तटकरे ने कहा कि लाभार्थी महिलाओं के आवेदन की जांच करते समय परिवार की आय के साथ-साथ जो महिलाएं शादी के बाद दूसरे राज्य में बस गई हैं और जिनके परिवार में चार पहिया वाहन है, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
इस बीच, अफवाह उड़ी है कि जिन महिलाओं ने अपात्र होने के बावजूद योजना का लाभ उठाया है, उनकी राशि सरकार वसूलेगी। उधर, सोशल मीडिया पर यह देखकर कि धुले में एक महिला से सरकार ने योजना का लाभ गलत तरीके से लेने के चलते पांच महीने की किस्त 7,500 रुपये वापस ले ली। इससे लाभार्थी महिलाओं में लाडकी बहीण योजना (Ladki Bahin Yojana) को लेकर काफी भ्रम की स्थिति पैदा हो गया है।
पिछले साल अगस्त में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली तत्कालीन महायुति सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये की सहायता दी जाती है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन को मिली जीत के लिए लाडकी बहिन योजना महत्वपूर्ण साबित हुई है। हालांकि महायुति सरकार ने दोबारा सत्ता में आने के बाद योजना के लिए दिए गए आवेदनों का वेरिफिकेशन कराने का निर्णय लिया है।