शरद पवार के बाद अजित या सुप्रिया कौन होगा एनसीपी प्रमुख का राजनीतिक वारिस
‘NCP एकजुट है’
महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम और एनसीपी नेता अजित पवार को लेकर पूछे गए सवाल पर भुजबल ने कहा, “अजित पवार के ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी पहले से ही है। विरोधी पक्ष के नेता की हैसियत से अजित के कंधों के ऊपर महाराष्ट्र में फिर से एनसीपी की सरकार बनाने की जिम्मेदारी है। पार्टी में कोई नाराजगी नहीं है और गुटबाजी की खबर अफवाह है। पूरी एनसीपी एकजुट है।”
तेवर दिखा चुके अजित पवार दरकिनार!
एनसीपी की 25वीं वर्षगांठ पर दिल्ली में आयोजित पार्टी कार्यक्रम में शरद पवार ने बड़ा ऐलान किया। पवार ने सुप्रिया सुले को न केवल एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया, बल्कि महाराष्ट्र चुनाव की जिम्मेदारी भी उन्हें सौंप दी। जबकि अजित पवार को पार्टी की कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई। सुप्रिया को महाराष्ट्र के साथ पंजाब, हरियाणा का भी प्रभार दिया गया है। वहीँ, प्रफुल पटेल को मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, झारखंड और गोवा की कमान सौंपी गई है।
दो कार्यकारी अध्यक्ष क्यों?
82 वर्षीय शरद पवार को उलझी सियासी बिसात पर सही मोहरे चलकर बाजी पलटने में महारत हासिल है। जमीन से जुड़े बेहद अनुभवी नेता पवार के इस निर्णय के कई मायने निकाले जा रहे है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल को पार्टी में अहम जिम्मेदारी देकर पवार ने पार्टी में ‘पॉवर’ को संतुलित करने की कोशिश की है। ताकि किसी भी संभावित विद्रोह को होने से पहले ही कुचल दिया जाये। इससे पार्टी पर शरद पवार की पकड़ भी मजबूत होगी और भविष्य में बेटी को एनसीपी की कमान देने में भी आसानी होगी।