वरिष्ठ नेता शरद पवार ने आज मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर टिप्पणी की। शरद पवार ने कहा कि पिछले दिनों देश के गृहमंत्री ने भाषण दिया और साल 1978 का जिक्र करते हुए कुछ बातें कहीं। उन्हें शायद पता न हो लेकिन मैं 1978 में राज्य का मुख्यमंत्री था. जनसंघ के लोगों ने भी मेरे साथ काम किया है। उन्होंने हमारा सहयोग किया था।
अमित शाह पर निशाना साधते हुए वरिष्ठ नेता ने कहा, पहले भले ही देश में अलग-अलग पार्टियां सत्ता में थीं, लेकिन राजनीतिक दल के नेताओं के बीच सामंजस्य था। जैसे वाजपेयी और आडवाणी थे व निपुण लोग थे, वे कर्त्तव्यनिष्ठ थे। उनमें कोई भी तड़ीपार नहीं था।
शाह की आलोचना पर बोलते हुए पवार ने कहा कि उनकी आलोचना से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। वह ऐसे इंसान भी नहीं है, जिससे मुझे फर्क पड़े। उनका वह लेवल नहीं है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा कि अमित शाह ने उद्धव ठाकरे को लेकर टिप्पणी की। लेकिन, जब उन्हें गुजरात में रहने में दिक्कत हुई थी तो उस वक्त बाला साहेब ठाकरे से उन्होंने मदद मांगी। उन्हें मुंबई में शरण दी गई। बालासाहब ने उन्हें आश्रय दिया था। इसके बारे में मुझसे ज्यादा उद्धव ठाकरे बताएंगे… दुर्भाग्य से आज स्तर इतना गिर गया है कि ये बताने के लिए उनका (शाह) बयान ही काफी हैं।
गौर हो कि सुप्रीम कोर्ट ने अमित शाह को सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में 2010 में दो साल के लिए राज्य से बाहर किया था। बाद में उन्हें 2014 में इस मामले में बरी कर दिया गया था। उस समय शाह गुजरात के गृह मंत्री थे।
‘अनपढ़ लोगों को पता नहीं…’
शिरडी में किसान आत्महत्या को लेकर अमित शाह ने शरद पवार को घेरा था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शरद पवार ने कहा, उन्हें शायद नहीं पता। इस देश में अनाज उत्पादन का रिकॉर्ड मेरे समय का है। जब मैंने कृषि मंत्री पद छोड़ा तो भारत दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक था। भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक था। भारत बागवानी में भी सबसे बड़ा देश था। लेकिन अनपढ़ लोग कुछ बातें नहीं जानते. इसलिए ऐसा बोलते है। उन पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है।
अमित शाह ने क्या कहा था?
बता दें कि शिरडी में गृहमंत्री अमित शाह ने बीजेपी के हजारों कार्यकर्ताओं और पदाधिकारीओं को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे और शरद पवार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा, “…1978 से शरद पवार ने जो दागा-फटका की राजनीति की थी, महाराष्ट्र की विजय ने (आप लोगों ने) उसको 20 फीट जमीन के अंदर दफनाने का काम किया है।“ अमित शाह ने आगे कहा, महाराष्ट्र की जनता ने बता दिया कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना ही बाला साहेब ठाकरे की शिवसेना है और अजित पवार की एनसीपी ही असली एनसीपी है। धोखा और विश्वासघात की राजनीति शुरू करने वाले पवार और ठाकरे को राज्य की जनता ने घर पर बिठा दिया है।