एनसीपी-एसपी प्रमुख शरद पवार खेमे ने दावा किया है कि अजित पवार ने घड़ी चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल कर मतदाताओं के मन में बड़े पैमाने पर भ्रम पैदा किया है। क्योंकि ‘घड़ी’ निशान शरद पवार से जुड़ा हुआ है। इसलिए अजित पवार गुट को आगामी राज्य विधानसभा चुनावों के लिए एक नया चुनाव चिन्ह आवंटित किया जाना चाहिए।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ 15 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई करेगी।
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए नवंबर के मध्य में चुनाव होने की प्रबल संभावना है। वर्तमान महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस साल मार्च में अजित पवार गुट को कुछ शर्तों के साथ लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र राज्य के चुनावों में घड़ी निशान का उपयोग करने की अनुमति दी थी। दरअसल चुनाव आयोग ने एनसीपी में विभाजन के बाद अजित पवार गुट को असली एनसीपी के तौर पर मान्यता दी है। चुनाव आयोग के इस फैसले को शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। तब शीर्ष कोर्ट ने अजित पवार को तब तक घड़ी चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने की अनुमति दी, जब तक कि कोर्ट यह तय नहीं कर लेती कि किस गुट को असली एनसीपी के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए।