वन नेशन वन इलेक्शन पर कोविंद कमेटी की रिपोर्ट को कैबिनेट की मंजूरी मिलने पर राज ठाकरे ने कहा है कि यदि केंद्र सरकार ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ कराने को लेकर इतनी चिंतित है तो उसे पहले महाराष्ट्र में नगर निकायों के चुनाव कराने चाहिए।
बता दें कि महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) सहित कई नगर निकायों के चुनाव कई वर्षों से लंबित पड़े हैं और उनकी कमान प्रशासकों के हाथ में है।
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, अगर चुनावों को इतना महत्व दिया ही जा रहा है तो पहले नगर निगम के चुनाव कराएं। राज्य के कई नगर निगम ऐसे हैं जो लगभग 4 साल से प्रशासक चला रहे हैं। मोदी कैबिनेट ने एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश को मंजूरी तो दे दी है, लेकिन उसे राज्यों के विचारों पर भी गौर करना चाहिए।
उन्होंने यह भी सवाल किया कि यदि कोई राज्य सरकार गिर जाए या विधानसभा भंग हो जाए या देश में मध्यावधि लोकसभा चुनाव हो जाएं तो इस स्थिति में क्या किया जाएगा। राज ठाकरे ने कहा, “आने वाले अक्टूबर में कई महानगर पालिकाओं और नगर पालिकाओं में प्रशासक राज के 4 साल हो जाएंगे। इतने लंबे समय तक कोई पार्षद नहीं मतलब कोई जनप्रतिनिधि नहीं। क्या यह अधिक महत्वपूर्ण नहीं है? स्थानीय नगर निकाय सीधे तौर पर आम लोगों के जीवन और उनकी समस्याओं से जुड़े होते हैं। उसके अगर चुनाव ही नहीं कराएंगे तो आम आदमी किसके पास जाएगा?”
गौरतलब हो कि केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई वाली समिति की इस रिपोर्ट में सुझाव दिए गए हैं कि देश में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने चाहिए। इसके अलावा समिति ने सिफारिश की है कि निकाय चुनाव को भी लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव के होने के 100 दिन के भीतर कराये जाए।