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मुंबई

पुणे रिवरफ्रंट परियोजना का क्यों हो रहा विरोध? मुथा नदी के किनारे पर्यावरण प्रेमियों का ‘चिपको’ आंदोलन

Pune Riverfront Project Protest: पुणे रिवरफ्रंट परियोजना के तहत मुला नदी के 22.2 किलोमीटर, मुथा नदी के 10.4 किलोमीटर और मुला-मुथा नदी के 11.8 किलोमीटर तट समेत कुल 44 किलोमीटर के हिस्से का कायाकल्प किया जायेगा।

मुंबईApr 30, 2023 / 06:03 pm

Dinesh Dubey

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पुणे में पर्यावरण प्रेमियों ने किया ‘चिपको’ आंदोलन

Pune Riverfront Development Project: महाराष्ट्र के पुणे जिले में महत्वाकांक्षी परियोजना पुणे रिवरफ्रंट डेवलपमेंट (RFD) परियोजना का खूब विरोध हो रहा है। नदी किनारे विकासात्मक कार्यों संबंधी इस परियोजना से पर्यावरण को नुकसान पहुंचने के आरोप लगाये जा रहे है। पर्यावरण प्रेमियों का कहना है RFD परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई की जा रही है। इसके विरोध में शनिवार को सैकड़ों लोगों ने मुथा नदी के किनारे चिपको आंदोलन किया।
जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने पेड़ काटे जाने के विरोध में ‘नदी, पेड़ और शहर बचाओ’ के नारे लगाए और नदी किनारे लगे पेड़ों से चिपककर एक मानव श्रृंखला बनाई। इस दौरान बच्चे से लेकर बुजुर्ग, महिला, युवा सभी हाथों में पर्यावरण बचाओं की तख्तियां लेकर नजर आये।
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क्या है आरएफडी प्रोजेक्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल मार्च महीने में इस परियोजना की आधारशिला रखी थी। इस परियोजना के तहत मुला नदी के 22.2 किलोमीटर, मुथा नदी के 10.4 किलोमीटर और मुला-मुथा नदी के 11.8 किलोमीटर तट समेत कुल 44 किलोमीटर के हिस्से का कायाकल्प किया जायेगा।

इस वजह से हो रहा विरोध

पर्यावरण प्रेमियों ने पुणे नगर निगम (पीएमसी) पर इस परियोजना के नाम पर बंड गार्डन के करीब नदी किनारे की प्राकृतिक हरियाली को नष्ट करने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि नदी किनारे के किलोमीटर तक फैले कुछ दुर्लभ और पुराने पेड़ों सहित हजारों पेड़ों को काटा जा रहा है।
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पर्यावरण कार्यकर्ता सारंग यादवाडकर ने कहा कि इस परियोजना को इस शर्त पर पर्यावरण मंजूरी दी गई थी कि एक भी पेड़ नहीं काटा जाएगा, लेकिन नगर निगम ने बिना किसी परमिशन के पेड़ों की कटाई शुरू कर दी।

पीएमसी ने दी सफाई

हालांकि पुणे नगर निगम ने आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि जिन पेड़ों को काटा जा रहा है, उनमे कोई पुराना और दुर्लभ पेड़ नहीं है। नदी के कायाकल्प के लिए कुछ पेड़ों को काटना आवश्यक है और उनके स्थान पर 65 हजार से ज्यादा नए पेड़ लगाए जाएंगे।

शहर में बनेगी हरित पट्टी- PMC

पीएमसी के पर्यावरण अधिकारी मंगेश दिघे ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य नदी के दोनों किनारों को बाढ़ से बचाना है। साथ ही शहर के बीचों बीच एक हरित पट्टी बनाने के लिए पेड़ लगाए जाएंगे।

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