प्राप्त जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के वरिष्ठ नेता रामराजे नाइक निंबालकर पाला बदल सकते है। इन अटकलों को तब और बल मिल गया जब निंबालकर ने रविवार को कहा कि उन्हें शरद पवार का साथ छोड़ने पर पछतावा हो रहा है।
एनसीपी नेता ने दावा किया कि उन्होंने शरद पवार का साथ छोड़ने का फैसला अपने कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए किया था। राज्य विधान परिषद के पूर्व सभापति ने अपने 75वें जन्मदिन के अवसर पर सतारा जिले के फलटण में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए सीनियर पवार से नाता तोड़कर अजित पवार की पार्टी के साथ जाने का फैसला किया था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
एनसीपी (शरद पवार) में शामिल होने की अटकलों का जिक्र करते हुए वरिष्ठ नेता निंबालकर ने कहा, “मैं पवार साहब (शरद पवार) का सामना कैसे कर सकता हूं, जिन्होंने मुझे 2009 में मंत्री बनाया था, जबकि मैं विधायक भी नहीं था? मुझे उनका साथ छोड़कर जाने पर पछतावा हो रहा है। मैंने अपने कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया था। लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।”
उन्होंने कहा कि उन्होंने अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस को बता दिया था कि वह हालिया लोकसभा चुनावों के दौरान बीजेपी सांसद रंजीत निंबालकर के लिए प्रचार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वह कार्यकर्ताओं से चर्चा के बाद अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में निर्णय लेंगे।
गौरतलब हो कि जुलाई 2023 में अजित पवार कई अन्य विधायकों के साथ शिवसेना-बीजेपी सरकार में शामिल हो गए, जिससे उनके चाचा शरद पवार द्वारा स्थापित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) दो गुटों में बंट गई। इस दौरान रामराजे नाइक निंबालकर भी शरद पवार का साथ छोड़कर अजित दादा के खेमे में चले गए थे।