दुनिया के नक्शे पर उभर रहे पूर्वी देश और भारत के संबंध
उन्होंने कहा कि यह बैठक भारत-आसियान संबंधों के भविष्य की दिशा तय करेगी। बुधवार को पीएम मोदी की लाओस यात्रा पर एक विशेष ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए मजूमदार ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी लाओ पीडीआर के प्रधानमंत्री सोनेक्से सिफानदोन के निमंत्रण पर 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के लिए लाओ पीडीआर के वियनतियाने की यात्रा करेंगे। यह यात्रा 10 और 11 अक्टूबर को होगी। हम आसियान से संबंधित सभी तंत्रों को बहुत महत्व देते हैं। यह प्रधानमंत्री की आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में दसवीं उपस्थिति होगी।”
पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भी लेंगे हिस्सा
पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन की बात करें, जिसमें 10 आसियान देश और 8 भागीदार, ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, कोरिया गणराज्य, न्यूजीलैंड, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। उन्होंने कहा, “तिमोर-लेस्ते भी पर्यवेक्षक के रूप में भागीदार होगा। यह तंत्र 2005 से अस्तित्व में है और इसका उद्देश्य क्षेत्र में रणनीतिक विश्वास का निर्माण करना, क्षेत्र के लिए शांति और स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देना है।”
पूर्वी देशों की सुनेगी अब पूरी दुनिया
मजूमदार ने आगामी शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की द्विपक्षीय बैठकों के बारे में भी जानकारी दी। “प्रधानमंत्री लाओ पीडीआर के प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। दूसरी ओर, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन, एक प्रमुख नेताओं के नेतृत्व वाला मंच जो क्षेत्र में रणनीतिक विश्वास का माहौल बनाने में योगदान देता है, भारत सहित ईएएस भाग लेने वाले देशों के नेताओं को क्षेत्रीय महत्व के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान करता है।