scriptMumbai News: बिछड़े हुए मां-बेटे को वन विभाग ने मिलवाया, ऐसे हुई थी मादा तेंदुआ अपने बच्‍चे से दूर | Mumbai News: The separated mother and son were introduced by the Forest Department, this is how the female leopard was away from her child | Patrika News
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Mumbai News: बिछड़े हुए मां-बेटे को वन विभाग ने मिलवाया, ऐसे हुई थी मादा तेंदुआ अपने बच्‍चे से दूर

बिछड़े हुए मां-बेटे को मिलवाने में वन विभाग के अधिकारियों को काफी मशक्‍कत करनी पड़ी, लेकिन आखिर में उन्‍हें कामयाबी मिल ही गई। बीते बुधवार को अपने बच्‍चे से मिलते ही मां ने उसे पुचकाराना शुरू कर दिया। यह नजारा दिल को छू लेने वाला था।

मुंबईOct 13, 2022 / 12:16 pm

Siddharth

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Leopard

मुंबई के संजय गांधी नेशनल पार्क में वन विभाग के अधिकारियों ने एक बेहद चुनौतीपूर्ण मुहिम को सफलतापूर्वक उसके अंजाम तक पहुंचाया। वन विभाग ने एक मादा तेंदुए को उसके खोए हुए बच्‍चे से मिलावा दिया है। यह वाक्‍या मुंबई के गोरेगांव ईस्‍ट में स्थित फिल्‍म सिटी का है। इस मादा तेंदुए की पहचान सी33-डेल्‍टा (C33-Delta) के रूप में हुई है। मादा तेंदुए के गले में ट्रैकिंग डिवाइस से लैस एक पट्टा बांधकर पिछले साल उसे छोड़ दिया गया था ताकि जीपीएस तकनीक की मदद से उसकी लगातार ट्रैकिंग होती रहे।
मादा तेंदुआ सी33-डेल्‍टा संजय गांधी नेशनल पार्क और आरे मिल्‍क कालोनी के बीच ही घूमती-फिरती रहती है, लेकिन उसका मिल पाना न के ही बराबर है क्‍योंकि इंसानों के नजदीक आना उसे बिल्कुल पसंद नहीं हैं। वहीं, 10 अक्‍टूबर को सुबह के समय सुरक्षा कर्मियों को संजय गांधी नेशनल पार्क की सीमा से 100 मीटर की दूरी पर तेंदुए का एक छोटा सा बच्‍चा दिखाई दिया। जिसके बाद उस तेंदुए के बच्चे को उन्‍होंने वन विभाग के हवाले कर दिया। इसके बाद वन विभाग के अधिकारियों ने उस नन्‍हें से बच्‍चे को एसएनजीपी पशु चिकित्‍सालय में भेजा।
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बता दें कि 10 अक्टूबर की शाम से वन विभाग के अधिकारी बच्‍चे को उसकी मां से मिलाने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिल पा रही थी। बच्‍चे को एक पिंजरे में डालकर जंगल के बीचोंबीच रखा गया था। चूंकि मादा तेंदुए के गले में जीपीएस ट्रैकर पट्टा था, जिसकी वजह से सीसीटीवी कैमरे में उसे इधर-उधर घूमते हुए तो देखा जा सकता था, लेकिन उसे पिंजरे के पास लाना काफी मुश्किल था।
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11 अक्‍टूबर को भी वन विभाग के अधिकारी अपनी कोशिश जारी रखें। पिंजरे को जिस स्थान पर रखा गया था उसके आसपास पूरी की पूरी टीम छिपकर तैनात रही। चारों ओर कैमरे लगाए गए। लेकिन इस दिन भी मां अपने बच्‍चे के पास नहीं आ सकी। अगले दिन करीब पौने चार बजे मादा तेंदुआ पिंजरे के पास पहुंच गई। मां के बच्‍चे के नजदीक आते ही वन विभाग के अधिकारियों ने रस्‍सी से पिंजरे के दरवाजे को खोल दिया और बच्‍चा दौड़कर अपनी मां से आकर चिपक गया। मां भी इतने दिन बाद अपने बच्‍चे से मिलकर उसे दुलारती रही, फिर महज चंद मिनटों में उसे लेकर जंगल में गायब हो गई।
बता दें कि पिछले साल आरे कालोनी में इंसानों की बस्‍ती में तेंदुए के लगातार हमले होने की खबर मिली थी। इसके बाद वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए प्लान बनाया, जिसके बाद मादा तेंदुआ सी33 डेल्‍टा को पकड़ा गया। लेकिन उसके पकड़े जाने के बाद भी अक्सर हमले होते रहे, तब जाकर पता चला कि सी33 डेल्‍टा का इन हमलों में कोई हाथ नहीं है। बाद में वन विभाग की टीम ने उसके गले में ट्रैकर पहनाकर उसे छोड़ दिया। हमले का दौर उस समय समाप्त हुआ था जब मादा तेंदुआ सी32 वन विभाग के लगाए पिंजरे में कैद हुई थी।

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