पिछले 10 साल में पीएचडी छात्रों की संख्या में भी लगातार वृद्धि देखी गई है। साल 2011-12 में 1,895 पीएचडी उम्मीदवारों को डिग्रियां दी गई थीं। 2020-21 में संख्या 3,534 को छू गई और फिलहाल यह संख्या लगभग 3,727 पहुंच गई है।
बता दें कि इस इंस्टिट्यूट के निदेशक सुभासिस चौधरी ने इस समारोह में कहा कि यह पहली बार है कि किसी भारतीय शैक्षणिक संस्थान ने एक साल में 400 से ज्यादा पीएचडी कराई हैं। शिक्षा के लिए यह एक प्रमुख मील का पत्थर है। 2551 में से 2324 छात्रों को डिग्री अवॉर्ड की गई है। कोरोना की वजह से पिछले दो सालों से दीक्षांत समारोह वर्चुअल हो रहा था। शनिवार को पूरे दो साल के बाद इसका बड़े पैमाने पर आयोजन किया गया।
साल 2021-22 में IIT बॉम्बे को रिसर्च और डिवेलपमेंट के लिए 329.08 करोड़ रुपए का बाहर से फंड प्राप्त हुआ था। वहीं, स्वीकृत परियोजनाओं की संख्या में मामूली कमी आई है। वित्तीय परिव्यय में वृद्धि दर्ज की गई है। आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि थे।
बता दें कि इस साल चार छात्रों को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें गोल्ड मेडल दिया गया। कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के एक (बीटेक) छात्र मोहम्मद अली रेहान को ‘भारत के राष्ट्रपति पदक’ से सम्मानित किया गया। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के छात्र कौस्तव जाना को ‘इंस्टीट्यूट गोल्ड मेडल (2020-21)’ से सम्मानित किया गया। ‘इंस्टीट्यूट गोल्ड मेडल (2021-22)’ आर्यमन मैथानी ए (बीएस) को दिया गया।