बुधवार को विधानसभा में बीएमसी के कामकाज और भ्रष्टाचार का मुद्दा जोरशोर से उठाया गया। फडणवीस ने इसी मुद्दे पर बोलते हुए यह घोषणा की है। हाल में बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने जंबो कोरोना सेंटर के नाम पर 100 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था। तभी से बीएमसी में हुए कामों की जांच की मांग की जा रही थी।
बता दें कि विधानसभा में बीजेपी सदस्यों ने बीएमसी द्वारा करोड़ों का सड़क निर्माण को लेकर भ्रष्टाचार, कोरोना घोटाला, आश्रय योजना घोटाला, वर्चुअल क्लासरुम के कॉन्ट्रैंक्ट्स को लेकर हुए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। पिछले 25 सालों से बीएमसी में शिवसेना की सत्ता है। इसलिए आगामी बीएमसी के चुनाव के ठीक पहले इन भ्रष्टाचारों के जांच की घोषणा से शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का टेंशन बढ़ना स्वाभाविक है।
बीजेपी विधायक आशीष शेलार ने आरोप लगाया कि बीएमसी के 480 स्कूलों में शुरू वर्चुअल क्लासरुम के कॉन्ट्रैक्ट्स में करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया है। इस घोटाले की जांच की मांग करते हुए बीजेपी विधायकों ने विधानभवन की सीढ़ियों पर भी आंदोलन करते हुए नजर आए। वहीं, बीजेपी विधायक अमित साटम ने आरोप लगाया कि पिछले 25 सालों में बीएमसी में 3 लाख करोड़ का घोटाला हुआ है। अमित साटम ने मुंबई के एरंगल बीच पर बने अवैध स्टूडियो का मुद्दा भी उठाया।
अब कांग्रेस के नेता मिलिंद देवरा ने मुंबई के सड़कों के निर्माण के कामों के घोटाले की सीबीआई जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पिछले 5 सालों में बीएमसी ने मुंबई की सड़कों के निर्माण और मरम्मत के लिए 12 हजार करोड़ रुपए खर्च किए और सड़कों की हालत जस की तस है।