मनोज जरांगे का अनशन जारी, नाक से आया खून, धारा-144 लागू
मनोज जरांगे की हालत चिंताजनक
मनोज जरांगे की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का आज छठा दिन है। वह काफी कमजोर हो गये हैं। चिंता की बात यह है कि उनकी हालत अब बेहद नाजुक हो गयी है। शरीर में पानी की भारी कमी हो गई है। कमजोरी के कारण उन्हें चक्कर आ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि भोजन, पानी और यहां तक कि दवा लेने से भी मना करने वाले जरांगे को तुरंत इलाज की जरुरत है। मराठा प्रदर्शनकारी उनसे लगातार पानी पीने का आग्रह कर रहे हैं। लेकिन वह पानी तक पीने को तैयार नहीं हैं।
PM मोदी के कार्यक्रम को रोकेंगे- जरांगे
बता दें कि मनोज जरांगे की स्वास्थ्य स्थिति को बिगड़ता देख कल उन्हें तरल पदार्थ दिया गया था। इससे वह खफा हो गये और कहा, ‘‘ जिन्होंने मुझे नींद के दौरान तरल पदार्थ दिया वे अब मराठा आरक्षण लागू करने के लिए जिम्मेदार हैं। सरकार यह मानकर चुप नहीं बैठ सकती कि मेरे अपने लोग इन तरीकों से मेरी मृत्यु को रोक देंगे। अगर सरकार दो दिन के भीतर कदम नहीं उठाती है, तो मैं मुंबई में अपना अनशन फिर से शुरू करूंगा।”
20 फरवरी को विशेष सत्र
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लिया। शिंदे सरकार ने मराठा समुदाय की विभिन्न मांगों पर चर्चा के लिए 20 फरवरी को विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाने को मंजूरी दी है। इसलिए अब मराठा आरक्षण से जुड़ी मांग पर चर्चा के लिए 20 फरवरी को सत्र आयोजित किया जाएगा।
हाईकोट में क्या बोली सरकार?
इस बीच, बुधवार को महाराष्ट्र सरकार की ओर से बॉम्बे हाईकोट को बताया कि कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करके पात्र मराठों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में शामिल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये जा रहे है।