बताया जा रहा है कि इस गिरोह ने मुंबई, ठाणे समेत देश के अलग-अलग शहरों में एटीएम तोड़ने की वारदात को अंजाम दिया। एक विशेष प्रकार के स्क्रूड्राइवर का उपयोग करके आरोपी को एटीएम को तोड़ते थे और पैसे लेकर फरार हो जाते थे।
आरोपी एटीएम में जाते थे और अपने विशेष प्रकार के स्क्रूड्राइवर की मदद से एटीएम में तकनीकी खराबी उत्पन्न करते थे। फिर जब कोई व्यक्ति पैसे निकालने वहां जाता था तो, उसके पैसे मशीन में फंस जाते थे। जिस वजह से तकनीकी खराबी समझकर शख्स वहां से चला जाता है। बाद में आरोपी अंदर जाकर पैसे एटीएम से निकाल लेते थे। इस तरह से आरोपियों ने नागपुर में 33 जगहों पर चोरी की है। उन्होंने पुणे, मुंबई समेत देश के अलग-अलग शहरों में ऐसे ही हाथ साफ किया हैं।
पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है और यह जानने की कोशिश कर रही है कि आरोपियों ने इस तरह से कितने एटीएम में सेंधमारी की है। साथ ही पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि यह गिरोह कितना बड़ा है।
नागपुर तहसील पुलिस स्टेशन की पुलिस निरीक्षक तृप्ती सोनवणे ने बताया कि एटीएम चोरी करना कोई आसान काम नहीं है। लेकिन इस गैंग ने गूगल की मदद से यह तरीका सीखा। फिर उन्होंने देश के अलग-अलग शहरों के एटीएम में ऐसे ही चोरी की घटना को अंजाम दिया। लेकिन अब आरोपी कानून के शिकंजे में आ गए हैं।