मुख्यमंत्री को भेजे गए इस ड्राफ्ट में स्वीकृति प्रक्रिया केवल एक रुपए में दे देने से लेकर स्टाम्प ड्यूटी और भूउपयोग परिवर्तन शुल्क में 100 फीसदी छूट देना प्रस्तावित किया गया है। निजी औद्योगिक योजना में तो डवलपर्स को लोन के ब्याज पर सब्सिडी देने की तैयारी है। इनमें भी जो निवेशक डवलपर औद्योगिक पार्क में मजदूरों, कारीगरों के लिए आवास की व्यवस्था करेगा, उसे अतिरिक्त छूट मिलेगी। इसी तरह बाकी पॉलिसी में कई तरह की छूट प्रस्तावित की गई है। इस योजना के लिए नोडल एजेंसी रीको की बजाय उद्योग विभाग को बनाया जा रहा है।
राजस्थान डेटा सेंटर पॉलिसी
औद्योगिक क्षेत्रों का डेटा एक ही एकत्रित हो, इसलिए औद्योगिक क्षेत्रों या आस-पास डेटा सेंटर बनाए जाएंगे। ड्राफ्ट पॉलिसी में इसके लिए न्यूनतम 2 मेगावाट इंस्टॉलेशन क्षमता होना अनिवार्य होगा। इलेक्ट्रसिटी ड्यूटी में सात साल तक 100% छूट, बैंकिंग, व्हीलिंग व ट्रांसमिशन चार्ज में 10 साल तक 100% छूट मिलेगी। भूउपयोग परिवर्तन का शुल्क भी नहीं, ग्रीन बिल्डिंग निर्माण पर एफएआर की अतिरिक्त छूट।
निजी औद्योगिक पार्क योजना, डाटा सेंटर, गारमेंट अपैरल पार्क और लॉजिस्टिक पॉलिसी शामिल
ये पॉलिसी भी लागू होगी…
गारमेंट एवं अपैरल पॉलिसी… पॉलिसी के तहत निजी टेक्सटाइल पार्क या अपैरल पार्क आता है तो उसे पहली बार अनुदान दिया जाएगा। कोई उद्योग 200 सीट का ट्रेनिंग सेंटर खोलता है तो अगले पांच साल के दौरान अनुदान देना प्रस्तावित है। राजस्थान लॉजिस्टिक पॉलिसी… राज्य के बड़े हिस्से से डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर गुजर रहा है, जो औद्योगिक क्षेत्रों का रिकॉर्ड बनाएगा। साथ ही 7 नए ग्रीन एक्सप्रेस-वे बननने हैं। इस रूट को मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
निजी औद्योगिक पार्क पॉलिसी
कम से कम 50 एकड़ जमीन पर औद्योगिक पार्क विकसित कर सकेंगे, न्यूनतम 10 यूनिट उद्योग संचालित करने होंगे। 90% सिविल कार्य और 50% भूखंड बिकने के बाद ही प्रोजेक्ट को प्रभावी माना जाएगा। इसके पीछे मंशा है कि उद्योग स्थापित हों।
10% भूखंड एमएसएमई के लिए आरक्षित करना अनिवार्य। पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप या ज्वाइंट वेंचर मॉडल भी दिया जा रहा है। स्टॉम्प ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन चार्ज और भूउपयोग परिवर्तन शुल्क में 100 फीसदी छूट।
जमीन अवाप्ति की प्रक्रिया चुनौती
रीको को औद्योगिक योजना के लिए जमीन अवाप्ति करनी पड़ती है। मौजूदा जमीन अवाप्ति प्रक्रिया किसी चुनौती से कम नहीं है। उद्योग विभाग के अफसरों का तर्क है कि निजी औद्योगिक पार्क आने से सब कुछ डवलपर करेगा।