महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग चीफ रुपाली चाकणकर ने कहा “पिछले कुछ समय से राज्य में महिलाओं और लड़कियों के लापता होने के मामलों में वृद्धि हुई है। लापता लड़कियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस संबंध में महिला आयोग के समक्ष रिपोर्ट एवं उपाय प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। जिसके पश्चात् इस संबंध में आज आयोग कार्यालय में सुनवाई हुई। इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। मेरी राय है कि सिस्टम ऐसे मामलों से निपटने में सक्षम नहीं है।“
उन्होंने बताया कि “यह जानकारी भारतीय दूतावास से भी साझा की गई है। लापता लड़कियों की तलाश की जा रही है। महिलाओं को नौकरी का झांसा दिया जाता है। बाद में उनके दस्तावेज और मोबाइल फोन ले लिए जाते है। ऐसे मामलों की जांच चल रही है। मुझे यकीन है कि लापता महिलाओं को खोजने में सफलता जरुर मिलेगी। लापता लड़कियों की संख्या को देखते हुए लगता है कि उनकी तस्करी राज्य से दुबई और ओमान में की जा रही है।“
रुपाली चाकणकर ने कहा “पुलिस के सामने काम के तनाव को देखते हुए यह मांग की गई है कि इस तरह के मामलो से डील करने के लिए नई व्यवस्था स्थापित हो जो इस पर काम करे। 10 से अधिक संख्या वाले स्थानों पर महिलाओं के लिए समितियां होनी चाहिए। मौजूदा व्यवस्था सक्षम नहीं लगती है। हर जिले में एक कमेटी होनी चाहिए। यह केवल कागजों पर ही नहीं बल्कि हकीकत में महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्था होनी चाहिए।“
चाकणकर ने सवाल उठाते हुए पूछा “सरकार की ओर से इस पर कोई जवाब नहीं आया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री द्वारा एक समिति का गठन किया गया था। यह लापता महिलाओं के लिए समिति थी, लेकिन इसमें एक भी पुलिसकर्मी की नियुक्ति नहीं की गई। अगर इसमें पुलिस ही नहीं होगी तो महिलाओं को कौन ढूंढ़ेगा?”
राज्य महिला आयोग अध्यक्ष ने आगे कहा, “इस साल 1 जनवरी से 31 मार्च तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो 3594 महिलाएं लापता हुई हैं। यह मामला बेहद गंभीर है। किसी की आलोचना करने से इस समस्या का समाधान नहीं होगा। गृहमंत्री को इस पर तत्काल कदम उठाना चाहिए। पुणे, पिंपरी-चिंचवड में 82 परिवारों की महिलाएं लापता बताई जा रही हैं। हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि राज्य सरकार इस मामले को गंभीरता से ले।”