मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर मुंबई में सोमवार को सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने कहा, “जालना आंदोलन में आंदोलनकारियों पर दर्ज़ सभी मुकदमे तत्काल वापस लिए जाएंगे। साथ ही राज्य सरकार ने राज्य भर में मराठा आरक्षण आंदोलन के संबंध में दर्ज़ किए गए सभी अपराधों को वापस लेने का फैसला किया है। हम लाठीचार्ज की कार्रवाई का समर्थन नहीं करते है।“
सीएम शिंदे ने कहा, “सर्वदलीय बैठक में हमने मराठा समुदाय को आरक्षण देने का फैसला किया है। इस बात पर भी सहमति बनी कि अन्य समुदायों को बिना किसी हस्तक्षेप के आरक्षण दिया जाना चाहिए। मराठाओं को आरक्षण देने का फैसला कानूनी तौर पर मान्य होना चाहिए, इसलिए हम इस पर काम कर रहे हैं। सभी पार्टी नेताओं ने एक प्रस्ताव पारित किया कि मनोज जरांगे को अपनी भूख हड़ताल खत्म कर देनी चाहिए।“
उन्होंने सितंबर के पहले सप्ताह में जालना जिले में मराठा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज में शामिल तीन पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने की जानकारी दी। बता दें कि मराठा आंदोलन की पहचान बन चुके मनोज जरांगे की भूख हड़ताल का आज 15वां दिन है। सरकार द्वारा मराठा आरक्षण के जीआर में संशोधन नहीं करने पर उन्होंने रविवार से पानी त्याग दिया था, साथ ही सलाइन और इलाज करवाना भी बंद कर दिया था। जिससे उनकी सेहत बिगड़ती जा रही थी।
इसके बावजूद मनोज जरांगे ने मेडिकल जांच कराने और दवा लेने से इनकार कर दिया। लेकिन उनकी बिगड़ती हालत को देखकर अंतरवाली सराटी गांव के लोगों ने सलाइन लगाने का आग्रह किया। ग्रामीणों के अनुरोध पर मनोज जरांगे सलाइन के लिए तैयार हुए। देर रात डॉक्टरों की एक टीम ने जरांगे की जांच की और उन्हें सलाइन लगाया। मनोज जरांगे मंगलवार दोपहर में मराठा समाज के लोगों के साथ बैठक करेंगे और आगे के रुख पर निर्णय लेंगे। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में वह अपना अनशन खत्म करेंगे या नहीं, इस पर भी जानकारी देंगे।