सीताबल्डी थाने ने कार के चालक अर्जुन हावरे और उसके बगल में बैठे रोनित चिंतामवार के खिलाफ मामला दर्ज किया है। ऑडी कार में सवार लोग धरमपेठ स्थित एक बीयर बार से लौट रहे थे, तभी यह घटना घटी। हादसे के बाद कार में सवार संकेत बावनकुले घटनास्थल से भाग गए।
पुलिस ने किया बड़ा खुलासा
नागपुर डीसीपी जोन-2 राहुल मदाने ने कहा, “यह घटना 9 सितंबर को आधी रात के बाद 12.30 बजे हुई… घटना में संकेत बावनकुले के नाम से पंजीकृत एक सफेद ऑडी शामिल थी। हमने कार में सवार तीनों लोगों से पूछताछ की है। चालक अर्जुन को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन जमानती अपराध होने की वजह से उसे जमानत पर छोड़ दिया गया। ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं, रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि वह नशे में था या नहीं…” पुलिस अधिकारी ने कहा, “जब हमने ऑडी कार की जांच की तो उसमें नंबर प्लेट थी। हादसे के समय कार में तीन लोग थे- अर्जुन हावरे, संकेत बावनकुले और रोनित चिंतामवार… घायलों को गंभीर चोट नहीं लगी है… संकेत बावनकुले को पूछताछ के लिए बुलाया गया और उन्होंने कबूल किया कि वह कार के अंदर थे।”
FIR में BJP नेता के बेटे का नाम नहीं
इस मामले पर राजनीतिक तेज हो गई है। शिवसेना (UBT) नेताओं ने आरोप लगाया है कि संकेत बावनकुले ने नशे में धुत होकर हादसे को अंजाम दिया है। लेकिन बीजेपी नेता का बेटा होने की वजह से एफआईआर में उनका नाम तक नहीं है। सबूतों को मिटाया जा रहा है।
महाराष्ट्र बीजेपी चीफ क्या बोले?
इस बीच, महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने स्वीकार किया कि ऑडी कार उनके बेटे संकेत के नाम पर पंजीकृत है। उन्होंने कहा, “…चाहे कार मेरे बेटे के नाम पर हो या किसी अपराधी के नाम पर, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए…गाड़ी मेरे बेटे का दोस्त चला रहा था…गाड़ी का मलिक होने के नाते जो कानून में प्रावधान है उसके मुताबिक कार्रवाई की जानी चाहिए।” इससे पहले बीजेपी नेता बावनकुले ने कहा, ‘‘पुलिस को बिना किसी पक्षपात के दुर्घटना की गहन और निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। जो लोग दोषी पाए जाते हैं उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। मैंने किसी पुलिस अधिकारी से बात नहीं की है। कानून सभी के लिए समान होना चाहिए।’’