एक मेडिकल अधिकारी ने बताया कि शनिवार की सुबह लगभग 8:30 बजे बिस्किट खाने के बाद 257 छात्रों में फूड पॉइजनिंग जैसे लक्षण दिखे। उनमें से 153 छात्रों को अस्पताल लाया गया, जिनमें से कुछ को इलाज के बाद घर भेज दिया गया।
अधिकारी ने बताया कि कुल सात छात्रों में गंभीर लक्षण थे, इसलिए उन्हें आगे के इलाज के लिए छत्रपति संभाजीनगर सिविल अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। बाकि बच्चों की हालत स्थित है। एक स्थानीय अधिकारी ने बताया कि केकेट जलगांव गांव के स्कूल में शनिवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे बिस्किट खाने के बाद बच्चों को मतली और उल्टी शुरू हो गई। सरकारी स्कूल में कुल 296 छात्र पढ़ते हैं। इसकी जानकारी होने पर ग्राम प्रधान और अन्य अधिकारी तुरंत स्कूल पहुंचे और बच्चों को अस्पताल ले जाने की व्यवस्था की। फूड पॉइजनिंग के कारणों की जांच चल रही है।
गौरतलब हो कि मिड-डे मील योजना के तहत राज्य के 86,000 स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक पढने वाले 1.12 करोड़ से अधिक छात्रों को दोपहर का खाना दिया जाता हैं। इन छात्रों को बुधवार या शुक्रवार को उबले अंडे या अंडा बिरयानी या अंडा पुलाव खाने में दिया जाता है।