scriptराज ठाकरे साथ आए तो रूठ जाएंगे यूपी, बिहार के वोटर! बीजेपी को सता रहा डर, उठाया ये कदम | Lok Sabha Election 2024 voters of UP Bihar will get upset if Raj Thackeray alliance with BJP | Patrika News
मुंबई

राज ठाकरे साथ आए तो रूठ जाएंगे यूपी, बिहार के वोटर! बीजेपी को सता रहा डर, उठाया ये कदम

BJP Raj Thackeray MNS Alliance: मनसे और बीजेपी के साथ आने में जो सबसे बड़ा रोड़ा आ रहा है वह है राज ठाकरे का ‘परप्रांतीय’ को लेकर कड़ा रुख।

मुंबईMar 24, 2024 / 12:37 pm

Dinesh Dubey

Raj Thackeray One Nation One Election
बीजेपी महाराष्ट्र में राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) से गठबंधन का फॉर्मूला बनाने पर मंथन कर रही है। वैसे तो बीजेपी पहले से ही महाराष्ट्र में शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) के साथ ‘महायुति’ गठबंधन बनाकर सत्ता में है। लेकिन राज्य के राजनीतिक समीकरण को देखते हुए उसे मनसे की जरूरत का एहसास हो रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, यह लगभग तय है कि राज ठाकरे महायुति में शामिल होगी। महायुति में बीजेपी के सहयोगी शिंदे और पवार ने भी इस पर हामी भर दी है। पिछले सप्ताह ही राज ठाकरे ने दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं के बीच गठबंधन पर चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि लोकसभा सीट बंटवारे और गठबंधन को लेकर उनके बीच 40 मिनट तक बातचीत हुई। राज ठाकरे ने दो सीटों की मांग की है। लेकिन बीजेपी उन्हें मुंबई की एक सीट देने पर विचार कर रही है।
यह भी पढ़ें

जब शिंदे-पवार साथ तो BJP को ‘ठाकरे’ की जरूरत क्यों? समझें महाराष्ट्र का सियासी गणित

हालांकि, मनसे और बीजेपी के एक साथ आने की राह में जो सबसे बड़ी बाधा आ रही है, वह है राज ठाकरे का ‘परा-प्रांतीय’ पर सख्त रुख। मनसे की स्थापना के बाद बालासाहेब ठाकरे के भतीजे राज ठाकरे ने मुंबई और महाराष्ट्र में गैर-मराठी लोगों के खिलाफ अभियान चलाया। ठाकरे कई बार महाराष्ट्र में रहने वाले खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के खिलाफ आक्रामक बयान दे चुके हैं।
बार-बार उत्तर भारतीयों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने के कारण राज ठाकरे के प्रति उत्तर भारतीयों में नाराजगी की भावना है। मुंबई में बीजेपी के उत्तर भारतीय कार्यकर्ता और पदाधिकारी राज ठाकरे की ‘महायुति’ में संभावित एंट्री पर खुश नहीं है।
उत्तर भारतीय मजदूरों, छठ पूजा आदि पर राज का रुख जगजाहिर है। इसलिए उत्तर भारतीयों के बीच राज ठाकरे की नकारात्मक छवि है। बीजेपी में एक राय है कि अगर राज को साथ लिया गया तो इसका असर उत्तर प्रदेश, बिहार पर भी पड़ेगा। इसलिए अब मनसे की महायुति में एंट्री की चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर नहीं होगी। क्योंकि इससे लोकसभा चुनाव में ‘400 पार’ का नारा देने वाली बीजेपी की हिंदी पट्टी पर छवि प्रभावित होगी।
बीजेपी का मानना है कि पीएम मोदी की तीसरी बार ताजपोशी में भी उत्तर भारत के वोटरों की भूमिका बेहद अहम होगी और इसलिए कोई रिस्क नहीं लिया जा सकता है। बीजेपी ने यह रुख अपनाया है कि मनसे को लेकर निर्णय राज्य स्तर पर लिया जाएगा। बीजेपी की ओर से मनसे को सलाह दी गई है कि वह महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों के खिलाफ आक्रामक रुख न अपनाए।

शिंदे सेना ने किया विरोध!

राज ठाकरे ने बीजेपी से दो लोकसभा सीटों की मांग की है। इसमें दक्षिण मुंबई के साथ-साथ नासिक या शिरडी की सीट शामिल हैं। हालांकि शिवसेना (शिंदे गुट) ने इसका विरोध किया। पिछले चुनाव में शिवसेना (अविभाजित) ने दक्षिण मुंबई, नासिक और शिरडी तीनों सीटों पर जीत हासिल की थी। तीन में से दो सांसद एकनाथ शिंदे और एक सांसद उद्धव ठाकरे के साथ हैं। शिंदे फिर इन तीनों सीटों पर उम्मीदवार उतरना चाहती हैं।

Hindi News / Mumbai / राज ठाकरे साथ आए तो रूठ जाएंगे यूपी, बिहार के वोटर! बीजेपी को सता रहा डर, उठाया ये कदम

ट्रेंडिंग वीडियो