दो सालों के बाद अब गणेश उत्सव और दही हांडी बिना किसी रोक-टोक के मनाया जाएगा। इसलिए इस साल लोगों में भारी उत्साह देखने को मिल सकता है। राज्य में गणेशोत्सव मनाने के लिए एसटी प्रशासन को एक्स्ट्रा ट्रेनें जारी करने का आदेश दिया गया है।
बीएमसी ने जारी किया दिशानिर्देश गणेश मंडलों की अनुमति के लिए 100 रुपये शुल्क पूरी तरह से माफ किया गया है। साथ ही, यदि पहले मंडलों ने गणेशोत्सव 2022 के लिए मंडपों की अनुमति के लिए शुल्क का भुगतान किया है, तो ऐसे मंडलों को जल्द ही 100 रुपये वापस किये जाएंगे।
इस गणेशोत्सव के दौरान मुख्य अग्निशमन अधिकारी द्वारा मूर्तिकारों के मंडपों की फीस पूरी तरह माफ कर दी जाएगी। साथ ही जिन लोगों ने पहले शुल्क का भुगतान किया है, उन्हें शुल्क वापस कर दिया जाएगा।
गणेशोत्सव 2022 के लिए लाइसेंसिंग खाते के माध्यम से लगाया जाने वाला विज्ञापन शुल्क भी पूरी तरह से माफ कर दिया जाएगा। साथ ही जिन लोगों ने शुल्क का अग्रिम भुगतान किया है, उन्हें उक्त शुल्क वापस कर दिया जाएगा।
नगर निगम के मंडप को तोड़े जाने के संबंध में पार्क खाते और संपत्ति खाते और निजी भूखंड पर लगने वाले शुल्क भी माफ किए जाएंगे। इस साल गणेशोत्सव के लिए सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों की गणेश प्रतिमाओं के लिए अधिकतम ऊंचाई प्रतिबंध नहीं होगा।
पहले घर की गणेश प्रतिमाओं के लिए छत की ऊंचाई दो फीट तय की जाती थी। हालांकि, अब घरेलू गणेश प्रतिमा की ऊंचाई की कोई सीमा नहीं होगी। लेकिन घरेलू मूर्तियों की ऊंचाई पर दो फीट की स्वैच्छिक ऊंचाई सीमा का पालन करने का आदेश दिया गया है।
प्राकृतिक विसर्जन स्थल के साथ-साथ कृत्रिम विसर्जन स्थल पर भी बीएमसी द्वारा बिजली की रोशनी की व्यवस्था की जाएगी। आगमन एवं विसर्जन पथों पर संबंधित विद्युत आपूर्तिकर्ताओं के माध्यम से बिजली की व्यवस्था के संबंध में संबंधित संभागीय संयुक्त आयुक्तों से चर्चा कर आवश्यक सुधार किया जायेगा।
भले ही मंडप शुल्क माफ कर दिया गया हो, विभिन्न परिपत्रों में निहित नियमों और शर्तों का पालन करना अनिवार्य है। (फायर ब्रिगेड की संहिताबद्ध शर्तें, लाइसेंसिंग विभाग के नियम और शर्तें, आदि)। बता दें कि महाराष्ट्र का सबसे बड़ा त्योहार गणोत्सव है। लोग इस त्योहार को मनाने के लिए अपने घर जाते हैं। राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा की कि कोंकण जाने वाले गणेश भक्तों के वाहनों के लिए टोल नहीं लिया जाएगा। इससे गणोत्सव के दौरान यात्रियों को राहत मिलेगी और यात्रियों की सुविधा के लिए गणोत्सव के अवसर पर कुल 214 विशेष ट्रेनें चलाने का फैसला किया है। इन ट्रेनों का संचालन जुलाई के अंतिम सप्ताह से अगस्त माह तक किया जाएगा।