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मुंबई

मेस्मा कानून के डर से वापस काम पर लौटे डॉक्टर

हड़ताल पर बाढ़-आपदा और संक्रमण पड़ा भारी
राज्य सरकार ने देर रात दिया था अल्टीमेटम
चिकित्सा निदेशक ने मार्ड को दिया आश्वासन

मुंबईAug 09, 2019 / 11:04 am

Rohit Tiwari

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मेस्मा कानून के डर से वापस काम पर लौटे डॉक्टर

मुंबई. राज्य में मार्ड रेजिडेंट डॉक्टरों की बुधवार से शुरू हुआ विरोध एक दिन बाद ही वापस ले लिया गया। डॉक्टरों ने हड़ताल की चेतावनी दी थी, लेकिन सरकार के सख्त रुख को देखते हुए आखिरकार उसे वापस ले ली गई। सरकार की ओर से उन्हें हड़ताल पर जाने से रोकने लिए चेतावनी दी गई थी।
रेजिडेंट डॉक्टरों ने विद्या वेतन और एनएमसी कानूनों के विरोध में अवैतनिक कार्य पर रोक लगाकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की थी। इस पर राज्य सरकार ने बुधवार को चेतावनी देकर मेस्मा कानून के तहत कार्रवाई करने की बात कही थी। प्रशासन ने डॉक्टरों को गुरुवार को सुबह आठ बजे तक का समय दिया गया था, पर डॉक्टरों ने अनिश्चिकालीन हड़ताल को स्थगित करने की घोषणा का मामले को विराम दे दिया। बुधवार रात को ही चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान निदेशालय के निदेशक डॉ. तात्याराव लहाने और मार्ड संगठन के पदाधिकारियों के बीच बैठक की गई। डॉक्टर की मांगों पर चर्चा कर उन्हें सांत्वना दिया गया कि नियमों के आधार पर जो कुछ होगा उसे तुरंत लागू किया जाएगा।
मरीज बेहाल, उपचार पर हो रहा था असर
चिकित्सकों के आंदोलन से मरीजों के उपचार पर असर पड़ रहा था। दो दिन पहले डॉ. लहाने ने कहा था कि राज्य में बाढ़ की स्थिति कायम है ऐसे में हड़ताल नहीं की जानी चाहिए। इसके बावजूद डॉक्टरों ने बुधवार को हड़ताल की घोषणा कर दी थी। वहीं डॉ. लहाने ने स्पष्ट किया कि राज्य में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए संक्रामक रोगों समेत अन्य बीमारियों की घटनाओं में वृद्धि होने की संभावना है। इसलिए सार्वजनिक हित पर विचार करना महत्वपूर्ण है तो रेजिडेंट चिकित्सक के लिए हड़ताल पर जाने का निर्णय लेना उचित नहीं है। अगर चिकित्सक हड़ताल से वापस नहीं लौटते हैं तो रेजिडेंट डॉक्टरों के संगठन के पदाधिकारियों की गिरफ्तारी की जाएगी।
बैठक में मांगों पर बनी सहमति
नागपुर, लातूर, अकोला आणि अंबेजोगाई के रेसिडेंट डॉक्टरों को दो दिनों में भुगतान किया जाएगा। वहीं दो महीने के टीबी और मातृत्व अवकाश पर सहमति बनी। विश्वविद्यालय के वेतन में वृद्धि की मांग अगले 15 दिनों में कैबिनेट में की जाएगी और बढ़े हुए वेतन को अगले महीने से रेजीडेंट डॉक्टरों के खाते में जमा किया जाएगा। हालांकि राज्य में बाढ़ और बीमारियों के प्रचलन के कारण हड़ताल अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो यह 31 अगस्त को फिर से हड़ताल पर जाएंगे।
– डॉ. कल्याणी डोंगरे, अध्यक्ष, सेंट्रल मार्ड

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