ज्ञात हो कि शिवसेना विधायक लता सोनवणे द्वारा दिए गए टोकरे कोली जात प्रमाणपत्र को अनुसूचित जमाती के जांच समिति ने रद्द किया था। इस समिति ने 6 नवंबर 2020 को लता का प्रमाणपत्र रद्द किया था। समिति ने कहा था कि विधायक द्वारा प्रस्तुत किये गए प्रमाणपत्र सही नहीं है। साथ ही कहा कि लता ने विधायक के तौर पर जो लाभ लिए हैं उसकी जांच कर एक्शन लिया जाए। जिसके बाद लता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। ऐसे में अब उनकी याचिका खारिज होने के बाद विधायकी खतरे में पड़ गई है।
गौर हो कि शिवसेना विधायक लता सोनवणे के जाति प्रमाणपत्र को लेकर चोपडे विधानसभा के पूर्व विधायक जगदीश वलवी और अर्जुनसिंग दिवानसिंग वसावे ने शिकायत की थी। उन्होंने लता द्वारा दिया गया प्रमाणपत्र अवैध है यह कहते हुए नंदुरबार में जाति की जांच करने वाली समिति के पास शिकायत की थी। जिसके बाद समिति ने जांच की और उसे अवैध घोषित कर दिया। समिति के इस फैसले के बाद शिवसेना विधायक लता सोनवणे ने बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच का रुख किया। दरअसल इस पूरे मामले की जांच के दौरान लता यह सिद्ध नहीं कर पाई कि वे टोकरे कोली जाति से ताल्लुक रखती हैं।