ध्यान रहे कि गिरगांव चौपाटी की जमीन कलेक्टर के अधीन आती है। मनपा ने गिरगांव चौपाटी पर भेलपुरी की दुकानों को लाइसेंस दिया है। यहां पर किसी तरह का कार्यक्रम करने और अन्य किसी कार्य के लिए परिसर का उपयोग करने के लिए मुंबई हाई कोर्ट की ओर से बनाई गई हाई पावर कमेटी अनुमति देती है।।गिरगांव चौपाटी पर प्रतिदिन बड़ी संख्या में पर्यटक आते है। पर्यटकों को खाने पीने की सुविधा मिले इसके लिए कमेटी ने भेलपुरी की दुकानों को खोलने की अनुमति दी है।
मनपा इन दुकानों से कमर्शियल उपयोग का शुल्क वसूलती है। वर्ष 2001 दुकानों को अनुमति मिली है। जिलाधिकारी ने 2012 से बनाई गई नई नीति के तहत दुकानदारों से उनके दुकानों के रेडिरेकनर की दर के 25 प्रतिशत की दर से शुल्क लिया जाता है। जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से मनपा की ओर से वसूले जा रहे रेडिरेकनर के 25 प्रतिशत शुल्क का 5 प्रतिशत शुल्क मांगा जिस है। इसके तहत 2012 से अब तक का बकाया 3 करोड़ 63 लाख रुपया मांगा है। और 2001 से 2012 तक का बकाया शुल्क निर्धारित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार के राजस्व विभाग पर है.
मनपा डी वार्ड के अधिकारी ने बताया कि शहर जिलाधिकारी की ओर से गिरगांव चौपाटी के दुकानदारों का बकाया शुल्क मांगने के लिए पत्र भेजा गय है। मनपा की नई नीति के अनुसार किराए पर दी गई दुकानों का लीज प्रति 30 वर्ष में रिन्यू करना पड़ता है और लाइसेंस शुल्क में प्रत्येक 5 वर्ष में दर बढ़ाने का प्रावधान है जिसके आधार पर शुल्क वसूला जाता है। जिलाधिकारी कार्यालय का कहना है कि अगर मनपा ने बकाया शुल्क नहीं भरा तो महाराष्ट्र भू राजस्व नियम 1966 के 53 अधिनियम के तहत दुकानदारों पर कार्रवाई करने का अधिकार उनका है। मनपा के डी वार्ड ने के अधिकारी ने जिलाधिकारी कार्यालय से आए नोटिस की बात को सही बताया है।