जानकारी के मुताबिक, वेट लीज कंपनी के कर्मचारियों ने सोमवार सुबह से सायन प्रतीक्षा नगर बस डिपो और धारावी बस डिपो में काम बंद कर दिया है और हड़ताल पर चले गए हैं। इस हड़ताल का कारण एक गर्भवती महिला कंडक्टर के साथ किया गया अपमानजनक व्यवहार है।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, एक गर्भवती महिला बस कंडक्टर ने अपनी गर्भावस्था के अंतिम चरण में होने की वजह से कंपनी मैनेजर से कम दबाव वाली ड्यूटी देने की गुजारिश की। लेकिन मैनेजर ने इनकार कर दिया और कथित तौर पर महिला का अपमान किया। इससे अन्य कर्मचारी नाराज हो गए और विरोध में अचानक हड़ताल पर चले गए।
मिली जानकारी के अनुसार, बस कंडक्टरों और ड्राइवरों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है और उनकी विभिन्न मांगें लंबे समय से लंबित हैं। कर्मचारी कम और देरी से मिलने वाले वेतन से परेशान हैं। उनकी मांग है कि उन्हें स्थायी कर्मचारियों के तौर में काम पर रखा जाना चाहिए।
हड़ताल पर गए कर्मचारी वेट लीज कंपनी मातेश्वरी अर्बन ट्रांसपोर्ट (Mateshwari Urban Transport) के हैं, जो धारावी डिपो और सायन प्रतीक्षा नगर डिपो के अलावा सांताक्रूज डिपो, मजास डिपो, वडाला डिपो और मुलुंड डिपो में भी तैनात हैं। बेस्ट प्रशासन ने कार्रवाई की बात कही है।
गौरतलब हो कि बेस्ट के बेड़े में 993 स्वामित्व वाली और 1900 पट्टे (लीज) वाली बसें हैं, यानी बेस्ट की कुल 2,893 बसें चलती हैं। लागत और घाटे को कम करने के लिए बेस्ट द्वारा लीज पर बसें लेकर चलाई जा रही हैं। छह बस आपूर्तिकर्ता कंपनियां बेस्ट को पट्टे पर बसें उपलब्ध कराती हैं। BEST के अपने 7 हजार 212 ड्राइवर और 7 हजार 423 कंडक्टर हैं। जबकि 6 हजार 553 ड्राइवर और 2 हजार 340 कंडक्टर कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं। ‘वेट लीज मॉडल’ के तहत निजी ठेकेदार बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) उपक्रम को बस के साथ ही ड्राइवर और कंडक्टर देता है और बस का रखरखाव भी करता है।