मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए न्यूनतम सेवा शर्तों के नियमों में संशोधन किया है। इस संबंध में डीओपीटी (DOPT) की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। इसलिए अब कर्मचारियों को पदोन्नति देते समय इसका लाभ होगा।
गौरतलब हो कि केंद्र सरकार देश के लाखों कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) और पेंशनभोगियों को महंगाई राहत (Dearness Relief) देने की तैयारी कर रही है। देशभर में सरकारी कर्मचारी भी जुलाई से महंगाई भत्ते का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में 28 सितंबर को होने वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक पर सभी की नजर टिकी हुई है। इस संबंध में आगामी कैबिनेट बैठक में फैसला होने की संभावना है। इसलिए संभावना अधिक है कि त्योहारी सीजन में कर्मचारियों को अच्छी खबर मिलेगी।
इस बीच, केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के प्रमोशन के लिए मिनिमम क्वालिफाइंग सर्विसेज (Minimum Qualifying Services) यानी पदोन्नति के लिए न्यूनतम सेवा शर्त को बदल दिया गया है। ये नियम सातवें वेतन आयोग के वेतन बैंड और ग्रेड के लिए लागू होंगे।
पदोन्नति नियमों में बदलाव के बाद अब ग्रेड-1 और ग्रेड-2 के लिए तीन वर्ष की सेवा महत्वपूर्ण है। जबकि ग्रेड-6 से ग्रेड-11 तक के लिए 12 वर्ष का अनुभव आवश्यक है। ग्रेड-7 और ग्रेड-8 के लिए न्यूनतम दो वर्ष की सेवा अनिवार्य कर दी गई है।
बता दें कि सरकारी कर्मचारियों को जुलाई 2022 का महंगाई भत्ता (डीए) अभी तक नहीं मिला है। यदि इस महीने भत्ते की घोषणा की जाती है, तो इसे 1 जुलाई 2022 से लागू माना जाएगा। साथ ही जुलाई और अगस्त महीने का एरियर (बकाया) भी मिलेगा। केंद्रीय कर्मचारियों का डीए (DA) चार फीसदी बढ़ाये जाने की उम्मीद है, जिसके बाद यह 34 फीसदी से बढ़कर 38 फीसदी हो जाएगा। फ़िलहाल अधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टी नहीं हुई है।