‘पटाखा’ की कहानी
‘पटाखा’ फिल्म की कहानी दो बहनों की है। एक का नाम है चंपा उर्फ बड़की (राधिका मदान) और दूसरी का है गेंदा उर्फ छुटकी (सान्या मल्होत्रा)। राजस्थान के लिबास में लपेटी फिल्म पटाखा दो बहनों की कहानी है जो एक दूसरे से नफरत करती हैं। दोनों बचपन से एक दूसरे से लड़ती आई हैं। वहीं दोनों का एक दोस्त है- डिपर (सुनील ग्रोवर), जो बहनों को लड़वाने में कोई कसर नहीं छोड़ता। पर चंपा और गेंदा के पिता बापू (विजय राज) अपनी दोनों बेटियों को बहुत प्यार करते हैं, इसलिए उनकी मां के मरने के बाद किसी और से शादी नहीं करते और अकेले अपनी बेटियों को पालते हैं।
दोनों के बड़े होने के बाद बापू गांव के एक अमीर आदमी पटेल (सानंद वर्मा) से अपनी बड़ी बेटी चंपा का रिश्ता तय करते हैं। पर शादी से पहले वह अपने बॅायफ्रेंड जगन के साथ भाग जाती है। दुखी होकर बापू छुटकी की शादी पटेल से तय कर देते हैं पर पता चलता है कि वह भी बड़ी बहन की तरह अपने बॉयफ्रेंड के साथ भाग जाती है। दोनों सोचती ही हैं कि अच्छा हुआ जो एक दूसरे से पीछ छूटा, तो पता चलता है कि उनके पति सगे भाई हैं और उनकी किस्मत उन्हें फिर से एक साथ ले आई है। अब आगे दोनों कैसे एक दूसरे के साथ जिंदगी बिताती हैं इस पर आधारित है फिल्म ‘पटाखा’।
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पत्रिका व्यू: फिल्म की कहानी काफी बोरिंग है। राधिका और सान्या की एक्टिंग फिल्म में ठीक-ठाक रही।
फिल्म की कहानी से लेकर एक्टिंग तक कहा जा सकता है कि इस बार निर्देशक विशाल भारद्वाज कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए। इसलिए इस फिल्म को पत्रिका एंटरटेंनमेंट 2.5 स्टार्स देना चाहेगा। अगर फिल्म के बॅाक्स ऑफिस की बात करें तो फिल्म का बजट लगभग 12 करोड़ बताया जा रहा है। अब देखना होगा कि फिल्म लोगों को कितनी लुभाती है।
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